पैरों के अंगूठों और जानवरों की आंखों की निशान से बने हजारों फर्जी आधार कार्ड - CBI जांच की मांग राजस्थान सरकार ने पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती जिलों में मार्च 2022 से 2024 की शुरुआत तक बने हजारों फर्जी आधार और पैन कार्ड के मामले की सीबीआइ से जांच करान


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-07-25 08:53:01



पैरों के अंगूठों और जानवरों की आंखों की निशान से बने हजारों फर्जी आधार कार्ड - CBI जांच की मांग

राजस्थान सरकार ने पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती जिलों में मार्च 2022 से 2024 की शुरुआत तक बने हजारों फर्जी आधार और पैन कार्ड के मामले की सीबीआइ से जांच कराने की सिफारिश की है। इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखने के साथ ही सरकार ने गुप्तचर ब्यूरो को भी सक्रिय किया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि करीब दो दर्जन ई-मित्र संचालकों व आधार केंद्रों ने करीब दो हजार फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाए हैं।

सबसे अधिक फर्जी आधार कार्ड सांचौर जिले में बने। यहां 14 ई-मित्र संचालकों ने दो-दो सौ रुपये देकर आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक सौ बच्चों के पैरों व हाथों के अंगूठों के फिंगर प्रिंट लिए और फर्जी आधार कार्ड में इस्तेमाल किए। वयस्कों के भी हाथों की जगह पैरों के अंगूठों के निशान लिए गए। इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड में जानवरों की आंखों की पुतलियों के निशान भी इस्तेमाल किए गए।

फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले की सरकार गंभीरता से जांच करा रही है। सीबीआइ जांच के लिए भी केंद्र सरकार को लिखा गया है - जोगाराम पटेल, संसदीय कार्यमंत्री, राजस्थान।

ई-मित्रों व आधार केंद्रों की जांच कराने का लिया निर्णय 

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी ई-मित्रों व आधार केंद्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट का भी परीक्षण कराया जाएगा। ई-मित्र संचालकों द्वारा नि:शुल्क सेवाओं व सशुल्क सेवाओं की राशि की जानकारी केंद्र के बाहर लिखा जाना अनिवार्य किया गया है। यह इसलिए अधिक चिंताजनक है क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं। धार्मिक व पर्यटन वीजा पर भारत आने वाले कई पाकिस्तानी नागरिक वापस नहीं लौटते हैं।

पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को किया गिरफ्तार 

सीमा से सटे बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर व श्रीगंगानगर जिलों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। सांचौर जिले में ई-मित्र संचालकों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में पुलिस ने दो प्रकरण दर्ज किए थे। एक प्रकरण में जांच के दौरान आधार कार्ड का नामांकन रजिस्ट्रार, सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के अधीन कार्यरत आपरेटर कन्हैयालाल की आइडी से होना पाया गया।

एक आरोपित मनोहरलाल हुआ गिरफ्तार

इस मामले में ई-मित्र एवं आधार संचालकों के विरुद्ध 21 जून 2024 को सरवान थाने में मामला दर्ज किया गया। मामला दर्ज होने के बाद सभी तीनों आरोपित फरार हो गए। इसके पहले एक अन्य मामला भी वर्ष 2023 में दर्ज किया गया। इस मामले में एक आरोपित मनोहरलाल को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य तीन आरोपित फरार हैं।


पैरों के अंगूठों और जानवरों की आंखों की निशान से बने हजारों फर्जी आधार कार्ड - CBI जांच की मांग राजस्थान सरकार ने पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती जिलों में मार्च 2022 से 2024 की शुरुआत तक बने हजारों फर्जी आधार और पैन कार्ड के मामले की सीबीआइ से जांच कराने की सिफारिश की है। इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखने के साथ ही सरकार ने गुप्तचर ब्यूरो को भी सक्रिय किया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि करीब दो दर्जन ई-मित्र संचालकों व आधार केंद्रों ने करीब दो हजार फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाए हैं। सबसे अधिक फर्जी आधार कार्ड सांचौर जिले में बने। यहां 14 ई-मित्र संचालकों ने दो-दो सौ रुपये देकर आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक सौ बच्चों के पैरों व हाथों के अंगूठों के फिंगर प्रिंट लिए और फर्जी आधार कार्ड में इस्तेमाल किए। वयस्कों के भी हाथों की जगह पैरों के अंगूठों के निशान लिए गए। इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड में जानवरों की आंखों की पुतलियों के निशान भी इस्तेमाल किए गए। फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले की सरकार गंभीरता से जांच करा रही है। सीबीआइ जांच के लिए भी केंद्र सरकार को लिखा गया है - जोगाराम पटेल, संसदीय कार्यमंत्री, राजस्थान। ई-मित्रों व आधार केंद्रों की जांच कराने का लिया निर्णय राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी ई-मित्रों व आधार केंद्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट का भी परीक्षण कराया जाएगा। ई-मित्र संचालकों द्वारा नि:शुल्क सेवाओं व सशुल्क सेवाओं की राशि की जानकारी केंद्र के बाहर लिखा जाना अनिवार्य किया गया है। यह इसलिए अधिक चिंताजनक है क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं। धार्मिक व पर्यटन वीजा पर भारत आने वाले कई पाकिस्तानी नागरिक वापस नहीं लौटते हैं। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को किया गिरफ्तार सीमा से सटे बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर व श्रीगंगानगर जिलों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। सांचौर जिले में ई-मित्र संचालकों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में पुलिस ने दो प्रकरण दर्ज किए थे। एक प्रकरण में जांच के दौरान आधार कार्ड का नामांकन रजिस्ट्रार, सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के अधीन कार्यरत आपरेटर कन्हैयालाल की आइडी से होना पाया गया। एक आरोपित मनोहरलाल हुआ गिरफ्तार इस मामले में ई-मित्र एवं आधार संचालकों के विरुद्ध 21 जून 2024 को सरवान थाने में मामला दर्ज किया गया। मामला दर्ज होने के बाद सभी तीनों आरोपित फरार हो गए। इसके पहले एक अन्य मामला भी वर्ष 2023 में दर्ज किया गया। इस मामले में एक आरोपित मनोहरलाल को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य तीन आरोपित फरार हैं।

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