अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन अभी सारा आसमान बाकी है। यह कहना है उदयपुर की 8 वर्षीय नन्हीं शतरंज चैंपियन कियाना परिहार है


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-07-21 08:11:38



नन्हीं चैस चैम्पियन : बड़े-बड़ों को मात देकर पांच गोल्ड मैडल किए अपने नाम 

अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन अभी सारा आसमान बाकी है। यह कहना है उदयपुर की 8 वर्षीय नन्हीं शतरंज चैंपियन कियाना परिहार है। कियाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतरंज में पांच गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है। हर साल 20 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी होनहार नन्हीं चेस चैंपियन के बारे में बता रहे हैं, जिसने छोटी उम्र में ही बड़ा मकाम हासिल कर लिया। सबसे खास बात यह है कि नन्हीं कियाना अब तक कई बड़े खिलाड़ियों को इस खेल में मात दे चुकी है। कियाना राज्य की सबसे कम उम्र की फिडे रेटेड प्लेयर है। उसने 6 साल 8 माह की उम्र में फिडे रेटिंग प्राप्त की थी।

महज 4 साल की उम्र में शुरू किया शतरंज खेलना 

उदयपुर की कियाना ने महज 4 साल की उम्र में अपने पिता जितेंद्र से शतरंज खेलना सीखा। वहीं, कियाना के शतरंज सीखने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। एक समय कियाना के पिता पूरे परिवार के साथ घूमने गए थे। वहां एक रिसॉर्ट में कुछ लोग शतरंज खेल रहे थे। पिता को शतरंज खेलते देख कियाना ने भी शतरंज खेलने की इच्छा जाहिर की। उसके बाद पिता ने उसे शतरंज की बारीकियां सिखाई। वहीं, कुछ समय बाद कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लग गया।

जब पूरी दुनिया अपने घरों में कैद थी तो कियाना अपने पिता के साथ शतरंज के हुनर सीख रही थी। बेटी में शतरंज के प्रति लगाव को देखकर पिता ने उसे इसकी ट्रेनिंग दिलवाई। देखते ही देखते शतरंज में उसने एक से बढ़कर एक मकाम हासिल करना शुरू कर दिया। अब शतरंज में वो पांच अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है।

ये कियाना का सपना 

आज कियाना की उम्र 8 साल है, जो चौथी क्लास में पढ़ती है। 4 साल की उम्र में उसने शतरंज खेलना शुरू किया। आज उसने शतरंज में ऐसी महारत हासिल कर ली है कि बड़े से बड़ा खिलाड़ी भी उसकी चाल के सामने टिक नहीं पाता है। वहीं, कियाना के इरादे इतने बुलंद हैं कि शतरंज में वो आने वाले समय में मैग्नस कार्लसन की तरह वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती है। इतना ही वो सबसे कम उम्र में यह मुकाम हासिल करना चाहती है। इसके लिए वो दिन-रात मेहनत करती है।

कियाना ने 4 साल की उम्र में अपने पिता के साथ शतरंज खेलना शुरू किया। उसके बाद पिता ने उसकी पेशेवर प्रशिक्षकों से नियमित ट्रेनिंग कराई। आज माता-पिता के साथ ही उसके कोच का मानना है कि कियाना आने वाले वर्षों में ग्रैंड मास्टर का खिताब अपने नाम करेगी।

कियाना की उपलब्धि 

कियाना ने एशियाई यूथ शतरंज चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उसके बाद एशियाई युवा रैपिड शतरंज चैंपियनशिप 2023 में रजत पदक, एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप 2023 में क्लासिक, रैपिड और ब्लिट्ज में 3 टीम स्वर्ण पदक, एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप 2024 में ब्लिट्ज में टीम स्वर्ण पदक, नेशनल स्कूल अंडर-7 गर्ल्स चैंपियन में उपविजेता (प्रथम के साथ टाई-ब्रेक), 6 साल 10 माह की उम्र में FIDE रेटिंग प्राप्त करने वाली राजस्थान में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनी। इसके अलावा 3 बार राजस्थान स्टेट चैंपियन अंडर-7 और अंडर-8 और अंडर-13, 35वें एमपीएल नेशनल गर्ल्स अंडर-7 शतरंज चैंपियनशिप टूर्नामेंट 2022 में तीसरी उपविजेता बनी। KUDO (मार्शल आर्ट) में राष्ट्रीय डबल स्वर्ण पदक जीता।

एशिया की यंगेस्ट वुमन मास्टर बनने की चाह 

कियाना की करंट फिडे रेटिंग 1572 है। अगर कियाना अगले 5 महीने में अपनी रेटिंग 1800+ कर लेती है तो वो एशिया की यंगेस्ट वुमन मास्टर बन जाएगी। उसके लिए वो अथक प्रयास कर रही है। साथ ही वो राजस्थान की पहली वुमन कैंडिडेट मास्टर है। उसके पिता पेशे से इंजीनियर हैं, जबकि मां सरकारी शिक्षिका हैं।


अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन अभी सारा आसमान बाकी है। यह कहना है उदयपुर की 8 वर्षीय नन्हीं शतरंज चैंपियन कियाना परिहार है

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