चिंताजनक: शोधकर्ताओं का दावा-समय से पहले शिशुओं का हो रहा जन्म, मौतों के आंकड़े भी तेजी से बढ़े


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-07-11 19:27:15



चिंताजनक: शोधकर्ताओं का दावा-समय से पहले शिशुओं का हो रहा जन्म, मौतों के आंकड़े भी तेजी से बढ़े

भारत में हर घंटे औसतन 345 नवजातों का जन्म वक्त (प्रीटर्म बर्थ) से पहले हो रहा है। वैश्विक स्तर पर हर दो सेकंड में एक नवजात का वक्त से पहले जन्म हो रहा है और हर 40 सेकंड में इनमें से एक की मौत हो जाती है। ये खुलासा फ्लिंडर्स विवि से जुड़े शोधकर्ताओं ने किया है। शोध के नतीजे साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट में प्रकाशित हुए हैं। इसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन इसकी अहम वजह है।

जलवायु में आता बदलाव सीधे तौर पर बच्चों की सेहत से जुड़ा है। तापमान में बढ़ोतरी होने से न केवल प्रीटर्म बर्थ, बल्कि मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। वहीं, जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च के शोधकर्ताओं ने 29 निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर किए गए एक शोध के मुताबिक, चार प्रतिशत से अधिक नवजातों की मौत जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले अधिकतम और न्यूनतम तापमान से जुड़ी हैं। शोध के निष्कर्ष नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुए है।

18 साल में 1.75 लाख नवजातों की मौत

शोधकर्ताओं के मुताबिक, 29 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में चार फीसदी में से औसतन 1.5 फीसदी सालाना नवजात मौतें अत्यधिक तापमान से जुड़ी थीं। वहीं, करीब तीन फीसदी अत्यधिक ठंड से हुई थीं। इसके अलावा, 18 साल की इस अवधि में नवजात शिशुओं में गर्मी से जुड़ी 32 फीसदी मौतों के लिए जलवायु परिवर्तन जवाबदेह था। इसका मतलब है कि इस दौरान नवजात शिशुओं की गर्मी से जुड़ी कुल मौतों में से 1.75 लाख से अधिक मौतें जलवायु परिवर्तन के असर से जुड़ी थीं। 

यह कहते हैं शोध के आंकड़े 

- जलवायु परिवर्तन की वजह से 2001-2019 के दौरान औसत सालाना तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

- नवजात शिशुओं की शरीर तापमान नियंत्रण की क्षमता अधूरी होती है। उनका शरीर गर्मी पर काबू पाने के लिए पूरी तरह से विकसित नहीं होता। उच्च चयापचय और पसीने की दर कम होने से उन्हें शरीर से अतिरिक्त गर्मी को निकालना मुश्किल हो जाता है। 

- शोधकर्ताओं ने बताया कि उप-सहारा अफ्रीकी देशों में अत्यधिक तापमान की वजह से नवजात शिशुओं की मौतों पर ग्लोबल वार्मिंग के सबसे अधिक असर देखा गया।

- पाकिस्तान,माली, सिएरा लियोन व नाइजीरिया में तापमान से जुड़ी नवजात शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक थी। इनमें प्रति एक लाख जीवित जन्मों में 160 से अधिक मौतें बढ़े हुए तापमान से हुईं।

- 2019 में दुनिया में 24 लाख नवजात शिशु मौतें हुईं। इनमें 90 फीसदी से अधिक नवजात मृत्यु निम्न और मध्यम आय वाले देशों खासकर उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में हुईं।


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