नौसेना के लिए जहाज बनाएगी लार्सन एंड टूब्रो, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने दिया है ऑर्डर


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-07-10 10:37:03



 

दिग्गज भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो की सब्सिडयरी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो प्रीसिजन इंजीनियरिंग सिस्टम्स को फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) के कुछ हिस्सों के निर्माण का ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने दिया है, जिसने भारतीय नौसेना के साथ पांच एफएसएस जहाज के निर्माण का समझौता किया है। नौसेना और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के बीच अगस्त 2023 में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड एक सरकारी कंपनी है।

2027 तक नौसेना को मिलेंगे ये एफएसएस जहाज

भारत सरकार ने अगस्त 2023 में नौसेना के लिए एफएसएस जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। इसके तहत रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के साथ 190 अरब रुपये का समझौता किया था। समझौते के तहत पांच एफएसएस जहाज बनाए जाने हैं। हिंदुस्तान शिपयार्ड ने अप्रैल 2024 में विशाखापत्तनम में समझौते के तहत जहाजों के निर्माण की शुरुआत कर दी थी। भारतीय नौसेना को साल 2027 में ये जहाज मिलने हैं। इन जहाजों के मिलने से नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं में काफी इजाफा होगा और नौसैन्य बेडे़ की गतिशीलता भी बढ़ेगी। 

नौसेना को मिलेगा रणनीतिक फायदा

गौरतलब है कि समझौते के तहत बनाए जाने वाले जहाजों का डिजाइन स्वदेशी होगा और इसमें 80 प्रतिशत स्वदेशी मैटिरियल का इस्तेमाल किया जाएगा। एक एफएसएस जहाज की कुल लंबाई 200 मीटर होगी। वहीं चौड़ाई 25 मीटर और ड्राफ्ट 10 मीटर होगा। 44 हजार टन वजनी ये जहाज 20 नॉट की स्पीड से दौड़ सकेगा। इस जहाज पर 190 जवान तैनात हो सकेंगे। एफएसएस जहाज नौसेना के जहाजों को ईंधन, पानी, हथियार आदि की सप्लाई करेंगे। जिसके बाद नौसेना का बेड़ा जहाज ज्यादा लंबे समय तक समुद्र में रह सकेगा। साथ ही लोगों को संकटग्रस्त इलाकों से निकालने, आपदा के समय और राहत सामग्री पहुंचाने जैसे कामों में भी एफएसएस जहाजों का इस्तेमाल हो सकेगा।


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