कोटा में बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव, घरों तक पहुँच रहे मगरमच्छ


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-07-01 21:36:23



कोटा में बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव, घरों तक पहुँच रहे मगरमच्छ

कोटा में इस सीजन की अब तक की सबसे तेज बारिश गुरुवार रात को हुई है। गुरुवार शाम 8 बजे से बारिश का क्रम शुरू हुआ, जो अल सुबह तक जारी था। मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में 85.9 मिलीमीटर यानी की 3.38 इंच बारिश हुई है। बारिश होने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। कई निचली बस्तियों और कॉलोनी में बारिश का पानी भर गया है।

दूसरी तरफ कोटा के उप नगरीय रेलवे स्टेशन डकनिया पर स्मार्ट स्टेशन बनाने का निर्माण कार्य जारी है। ऐसे में नालों के अवरुद्ध होने के चलते स्टेशन की पार्किंग में पानी प्रवेश कर गया। इसी तरह से बोरखेड़ा स्टेशन, जवाहर नगर, बजरंगनगर, प्रेमनगर क्षेत्र में निचली बस्ती और कॉलोनी में पानी भर गया। दूसरी तरफ देवली अरब रोड पर महिलाओं ने सड़क जाम कर दिया। मामला सीवरेज लाइन डालने के दौरान सड़क को खोद देने का था, अब वहां पर बारिश हो जाने के चलते आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। जहां पर देर रात को पुलिस भी पहुंची थी और लोगों से समझाइश की थी, जिसके बाद महिलाओं ने रास्ता खोल दिया था।

गुरुवार रात को हुई बारिश को मिलाकर इस सीजन में अब तक कोटा में 212 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। हालांकि अच्छी बारिश गिरने के बावजूद न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस था। इसमें 0.8 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद आज सुबह का अधिक न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस था, इसमें 2.5 डिग्री सेल्सियस की कमी के बाद यह 35.5 डिग्री सेल्सियस गुरुवार को रहा है।

कॉलोनी और घरों के नजदीक पहुंच रहे मगरमच्छ  

बारिश के बाद नदी नालों में उफान आने से मगरमच्छों का खतरा बढ़ गया है। मगरमच्छ नदी नालों से निकलकर कॉलोनी और खाली प्लाटों में पहुंच रहे हैं। सड़कों पर उनकी चहलकदमी नजर आ रही है। लाडपुरा रेंज के वनकर्मी वीरेंद्र सिंह हाडा ने बताया कि नाग नागिन मंदिर से 80 फिट रोड की तरफ जा रही नहर के समानांतर सड़क के नजदीक बनी एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में करीब 5 फीट लंबा मगरमच्छ का बच्चा प्रवेश कर गया था। जिसकी सूचना पर लाडपुरा रेंज की टीम पहुंची थी। जिन्होंने क्रोकोडाइल का रेस्क्यू किया है। वनकर्मी हाड़ा ने बताया कि बीते दो दिनों में चार क्रोकोडाइल का रेस्क्यू अब तक कर चुके हैं।

कीचड़ में फंसी नीलगाय का किया रेस्क्यू 

इसी तरह से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नजदीक के इलाके में नीलगाय दलदल में फंस गई थी। इसकी सूचना रेंजर प्रद्युमन सिंह राठौड़ को मिली। इसके बाद उन्होंने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नाका प्रभारी राजवीर सिंह को मौके पर भेजा। जिन्होंने नीम की चौकी के पास तलाई में मादा नीलगाय को आधे घंटे की मशक्कत के बाद दलदल से बाहर निकाला और सुरक्षित जगह पर रिलीज किया। इस दौरान उनके साथ बॉर्डर होमगार्ड के जवान पूनम सिंह ने भी मदद की। राजवीर का कहना है कि खाने की तलाश में मादा नीलगाय घूम रही होगी। इसी के चलते वह दलदल में फंस गई थी। समय रहते उसका रेस्क्यू नहीं किया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी।


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