दिव्यांग मनदीप को जबरन रूसी सेना में किया भर्ती, वर्दी में देख माता-पिता हैरान, 3 मार्च से संपर्क नहीं


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-07-01 07:40:46



दिव्यांग मनदीप को जबरन रूसी सेना में किया भर्ती, वर्दी में देख माता-पिता हैरान, 3 मार्च से संपर्क नहीं

दिसंबर 2023 में बेहतर भविष्य का सपना लेकर विदेश गए मनदीप कुमार ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें आधुनिक हथियारों से लैस यूक्रेन की सेना का सामना करना पड़ेगा। जिला जालंधर के गोराया निवासी जगदीप कुमार ने बताया कि उसने अपने भाई मनदीप कुमार को बड़े अरमान से घर से आमीर्निया भेजा था ताकि घर का चूल्हा जलता रहे।

ट्रैवल एजेंट ने उसके भाई को आर्मेनिया भेजने के लिए 1 लाख 80 हजार रुपये नकद लिए। जगदीप ने कहा कि उनके भाई मनदीप और चार अन्य दोस्तों के मन में एक ट्रैवल एजेंट के जरिए इटली जाने का विचार आया। ट्रैवल एजेंट ने उन्हें आर्मेनिया से इटली के लिए सीधी उड़ान लेने का झांसा देकर भरमा लिया।

जगदीप ने बताया कि वह आर्मेनिया में मिले उसके भाई के 4 अन्य दोस्तों के साथ इटली जाने के लिए तैयार हो गया और ट्रैवल एजेंट ने उन पांचों से 31 लाख 40 हजार रुपये ले लिए। एजेंट ने उन्हें विमान से इटली भेजने के बजाय धोखे से रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचा दिया।

यहीं पर ट्रैवल एजेंटों ने उसके भाई के साथ मारपीट की और उसे ब्लैकमेल किया कि अगर उन्होंने और पैसे नहीं दिए तो मनदीप का हश्र और भी बुरा होगा। उन्होंने कहा कि मनदीप कुमार से उनकी आखिरी बार तीन मार्च को बात हुई थी। उनके द्वारा की गई वीडियो कॉल में वह सेना की वर्दी में नजर आ रहा था और सैन्य क्षेत्र दिखा रहा था। मनदीप के आखिरी शब्द थे कि उसे रूसी सेना से बचा लो वरना उसे मार दिया जाएगा। फिर उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

यहां मनदीप के परिवार की चिंता तब और भी बढ़ गई जब खबरें आईं कि रूसी सेना भारतीय लड़कों को जबरदस्ती और डरा-धमका कर भर्ती कर रही हैं। ऐसी भी खबरें थीं कि इन भर्ती युवाओं को रूस के यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेजा जा रहा है। जगदीप ने कहा कि मनदीप ने उन्हें यह भी बताया था कि जहां वह जा रहे थे, वहां उनके साथ करीब 40 अन्य युवा पंजाबी लड़के थे, जिन्हें जबरन भर्ती किया गया था। जगदीप ने कहा कि मनदीप को लेकर उनके बुजुर्ग माता-पिता काफी चिंतित हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसी ख़बरों ने उन्हें और तोड़ दिया जब उन्हें पता चला कि रूसी सेना में भर्ती किये कुछ पंजाबी युवाओं की मौत हो गई है। वह अपने भाई मंदीप को लेकर चिंतित हैं। अभी तक मनदीप से कोई संपर्क नहीं हो पाया है कि वह किस हालत में हैं?

जगदीप ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य और पर्यावरणविद संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया कि उनके विकलांग भाई मनदीप कुमार को रूसी सेना से मुक्त कराया जाए और भारत वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल विदेश से कई लड़कियों और लड़कों को वापस लाए हैं, जो ट्रैवल एजेंटों के कारण वहां बुरी तरह फंस गए थे। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि उन्होंने पत्र लिखकर विदेश मंत्रालय को मामले की जानकारी दी है।

इस पत्र के जरिए उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है और मनदीप समेत रूसी सेना में जबरन भर्ती किए गए युवाओं की सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे उचित जानकारी के बिना किसी गलत ट्रैवल एजेंट के हाथों में फंसकर विदेश में अपने कीमती जीवन को जोखिम में न डालें।


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