जय श्री राम तो नहीं हटेगा, सेंसर बोर्ड का धर्म आधारित पक्षपात दुनिया के सामने आना ही चाहिए - के सी बोकाडिया


जय श्री राम तो नहीं हटेगा, सेंसर बोर्ड का धर्म आधारित पक्षपात दुनिया के सामने आना ही चाहिए - के सी बोकाडिया   2024-06-27 06:15:59



जय श्री राम तो नहीं हटेगा, सेंसर बोर्ड का धर्म आधारित पक्षपात दुनिया के सामने आना ही चाहिए - के सी बोकाडिया 

हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्माता-निर्देशक के सी बोकाडिया की फिल्म तीसरी बेगम के एक संवाद से जय श्री राम वाक्यांश हटाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जिरह जारी है। बीते दिन इस फिल्म को लेकर हुई सुनवाई के दौरान फिल्म में सेंसर बोर्ड की तरफ से सुझाए गए 14 कट्स में से 13 को फिल्म में बनाए रखने पर फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड में सहमति बन गई है। फिल्म का 14वां कट जिसमें सेंसर बोर्ड ने जय श्री राम शब्द फिल्म से हटाने की बात कही है, उस पर निर्माता किसी तरह को झुकने को तैयार नहीं है।

बोकाडिया कहते हैं कि बात सिर्फ मेरी फिल्म की नहीं है। यहां बात उन अधिकारियों का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने की है जो धर्म आधारित पक्षपात कर रहे हैं। देश में सबसे तेज 50 फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माता का रिकॉर्ड रखने वाले निर्माता निर्देशक के सी बोकाडिया की गिनती उन लोगों में होती है जिन्होंने अमिताभ बच्चन को फिर से मुंबई फिल्म जगत मे स्थापित होने में बड़ी भूमिका निभाई। यही नहीं उन्होंने अभिनेत्री रेखा का करियर भी तब बचाया था जब उनकी फिल्मों का सामाजिक बहिष्कार शुरू हो चुका था।

बोकाडिया काफी दिनों बाद फिर से फिल्म निर्माण में सक्रिय हुए हैं। उनकी बनाई एक फिल्म द सिगनेचर को हाल ही में जी समूह ने खरीदा है और ये फिल्म सितंबर में रिलीज होने की बात चल रही है। जैकी श्रॉफ के साथ बनाई अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म तेरी मेहरबानियां की सीक्वल भी वह बना चुके हैं। बोकाडिया का एक धारावाहिक सरदार इन दिनों दूरदर्शन पर धूम मचा रहा है और उनके निर्देशन में बनी फिल्म तीसरी बेगम का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में है।

जानकारी के मुताबिक अदालत ने हाल ही में फिल्म का वह अंश भी देखा जिस पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति रही है। इस अंश को देखने के बाद अदालत ने पूरी फिल्म देखने की भी मंशा जाहिर की, पिछली तारीख पर बोकाडिया के वकील ने पूरी फिल्म की डिजिटल कॉपी भी अदालत में जमा कर दी है। फिल्म तीसरी बेगम को पहले तो सेंसर बोर्ड ने पास करने से ही मना कर दिया था, लेकिन इसके खिलाफ अपील होने पर पुनरीक्षण समिति ने इसे 14 बदलावों के बाद केवल वयस्कों के लिए प्रमाणन के साथ जारी करने की सिफारिश की।

इन 14 बदलावों में एक निर्देश फिल्म के क्लाइमेक्स में एक किरदार के अपने संवाद में जय श्री राम बोलने को लेकर भी था। सेंसर बोर्ड ने फिल्म से जय श्री राम हटाने को कहा था। बोकाडिया कहते हैं कि मेरी लड़ाई किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं है। मेरी लड़ाई एक सोच के खिलाफ है। आज तो हर कोई जय श्री राम कहता है। जावेद अख्तर सार्वजनिक मंचों पर जय श्री राम कहते हैं तो मेरी फिल्म में अगर कोई मुस्लिम जय श्री राम कह रहा है तो इस पर सेंसर बोर्ड कैसे आपत्ति कर सकता है।

के सी बोकाडिया की तरफ से बंबई हाईकोर्ट के दिग्गज वकील अशोक सरावगी बहस कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस बहस के दौरान ही सेंसर बोर्ड की परीक्षण समिति की तरफ से सुझाए गए 14 बदलाव में से 13 को वापस लेने की बात सेंसर बोर्ड ने मान ली है। अब मामला फिल्म के क्लाइमेक्स में एक मुस्लिम किरदार द्वारा जय श्री राम बोलने पर अटका हुआ है। बोकाडिया कहते हैं कि राम मेरी आस्था के प्रतीक हैं और इतनी सारी फिल्में बनाने और इतना नाम कमाने के बाद भी अगर मैं अपनी फिल्म में राम का नाम ही न बचा पाया तो फिर मेरा ये सब करना तो व्यर्थ ही हो जाएगा। लिहाजा, ये फिल्म रिलीज होगी तो जय श्री राम के नाम के साथ।


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