राजस्थान ओलंपिक संघ के दोनों गुटों ने बनाई कार्यकारणी, दोनों केवल चमका रहे अपनी राजनीति
2024-06-25 07:53:59
राजस्थान ओलंपिक संघ के दोनों गुटों ने बनाई कार्यकारणी, दोनों केवल चमका रहे अपनी राजनीति
फ्रांस के पेरिस में अगले महीने से ओलंपिक खेलों के आयोजन होने जा रहे हैं। देश-दुनिया के खिलाड़ी इसकी तैयारी में जुटे हैं, लेकिन राजस्थान में पिछले तीन साल से ओलंपिक संघ में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओलंपिक संघ में दो अलग-अलग कार्यकारिणी के सदस्य खुद को सही और वास्तविक होने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर राजस्थान के खेल और खिलाड़ियों के बीच संशय खड़ा हो गया है कि राजस्थान के खेल को कौन सी कार्यकारिणी आगे लेकर जाएगी।
राजस्थान ओलंपिक संघ की दोनों ही गुटों की कार्यकारणी ने इस बार दावा किया है कि वे राजस्थान के खेलों को लेकर काम करेंगे, लेकिन इसी बीच दोनों कार्यकारणी एक-दूसरे को नकली या फिर गैरकानूनी करार दे रहे हैं। मगर इससे राज्य के खिलाड़ियों की चिंता बढ़ गई है। अब खिलाड़ी जानना चाहते हैं कि आखिर असली ओलंपिक संघ कौन सा है?
सिर्फ हो रही सियासत
मामले को लेकर राजस्थान सॉफ्टबॉल हॉकी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रमेश सिंह का कहना है कि एक ओर तो विश्व में ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है, दूसरी ओर राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ बन गए हैं। रमेश सिंह का कहना है कि इन दोनों ओलंपिक संघों को सिर्फ अपनी राजनीति चमकानी है। खेलों से इनका कोई वास्ता नहीं है।
बीते कुछ वर्षों से राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ काम करते आ रहे, लेकिन खेलों से जुड़ा कोई बड़ा आयोजन ये लोग नहीं करा सके हैं। इसके अलावा प्रदेश के खिलाड़ी भी असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर किस संघ को असली माना जाए। दरअसल, राजस्थान ओलंपिक संघ में लंबे समय तक जनार्दन सिंह गहलोत का वर्चस्व रहा है, लेकिन उनके निधन के बाद ओलंपिक संघ में दो फाड़ हो गए।
एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप
बीते दिनों राजस्थान ओलंपिक संघ के चुनाव संपन्न हो गए, जिसमें अनिल व्यास गुट और अरूण सारस्वत गुट ने अपनी कार्यकारणी भी बना ली। जयपुर क्लब में आयोजित चुनाव और एजीएम में अनिल व्यास को अध्यक्ष और रामावतार सिंह जाखड़ को महासचिव घोषित करते हुए पूरी कार्यकारिणी का गठन किया गया। अनिल व्यास ग्रुप ने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन से विधिवत मान्यता होने और मान्यता प्राप्त 29 में 18 खेल संघों के समर्थन का दावा किया। व्यास ग्रुप का दावा है कि उनकी कार्यकारिणी ही असली है। बाकी राजस्थान ओलंपिक संघ होने का दावा करने वाले लोग पूरी तरह से गैरकानूनी हैं।
दूसरी तरफ शहर के एक निजी होटल में राजस्थान ओलंपिक संघ के बैनर तले दूसरी बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष अजीत सिंह और सचिव अरूण सारस्वत की ओर से दावा किया गया कि उनकी ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी सभी नियमों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि हमें 27 खेल संघों का समर्थन है। अनिल व्यास ग्रुप के खेल संघों के पदाधिकारियों की मान्यता ही खटाई में पड़ी हुई है। वे खुद को किस आधार पर ओलंपिक संघ के पदाधिकारी बता रहे हैं।
इस मामले में एक बात बड़े ही स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है कि राजस्थान सॉफ्टबॉल हॉकी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रमेश सिंह द्वारा लगाए गए आरोप सही नजर आ रहे हैं। इतने लम्बे समय से चल रहे विवाद को संघ अथवा प्रशासनिक स्तर पर अभी तक नहीं सुलझाया जाना, इस ओर तो स्पष्ट इशारा करता है कि दोनों ही खेल संघो को खेल या खिलाडियों से कोई सरोकार नहीं है। दोनों ही केवल अपनी राजनीति को चमकाने में लगे हुए हैं। राज्य सरकार भी इस विषय में अब तक क्यों खामोश है ये भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।