पेपर लीक के आरोपियों का नार्को टेस्ट संभव; गलत जानकारी देना DG सुबोध कुमार को भारी पड़ा


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-06-24 06:31:18



पेपर लीक के आरोपियों का नार्को टेस्ट संभव; गलत जानकारी देना DG सुबोध कुमार को भारी पड़ा

नीट-यूजी पेपर लीक मामले में झारखंड के देवघर से गिरफ्तार छः लोगों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम पटना ले गई। ईओयू के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सॉल्वर गैंग से जुड़े कुछ लोगों से पूछताछ के दौरान इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड माने जा रहे संजीव मुखिया और राकेश कुमार से जुड़े अहम सुराग मिले हैं। पुलिस इन दोनों की तलाश में जुटी है। वहीं, कुछ गिरफ्तार आरोपी परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं या फिर अपने बयान बदल रहे हैं। ऐसे में पुलिस आरोपियों के नार्को विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग परीक्षण की संभावना भी तलाश रही है। इन वैज्ञानिक परीक्षणों से जांचकर्ताओं को कुछ नए सुराग मिल सकते हैं।

ईडी भी दर्ज कर सकती है शिकायत

सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से भी पेपरलीक में अवैध लेन-देन की जांच के लिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए ईओयू की प्राथमिकी को आधार बनाया जा सकता है। इसी बीच, ईओयू ने बिहार के कुछ निजी पेशेवर कॉलेजों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।

एनटीए ने बिहार पुलिस को उपलब्ध कराए संदर्भ प्रश्नपत्र

वहीं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से बिहार पुलिस को नीट-यूजी के संदर्भ में प्रश्नपत्र मुहैया करा दिए हैं। ईओयू के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पटना में तलाशी के दौरान एक घर से कथित तौर पर लीक प्रश्नपत्रों के जले टुकड़े मिले थे। इन्हें संदर्भ प्रश्नपत्रों से मिलाने के लिए एनटीए से आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। अब कथित लीक प्रश्नपत्रों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजने से पहले संदर्भ प्रश्नपत्रों के साथ मिलाया जाएगा।

शिक्षा मंत्री को गलत जानकारी देना सुबोध कुमार को पड़ा भारी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को नीट यूजी 2024 में गड़बड़ी की गलत जानकारी देना एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह को भारी पड़ा। सुबोध कुमार केवल कृपांक देने में गड़बड़ी की बात बताते रहे, जबकि 5 मई को परीक्षा में बिहार में गड़बड़ी की बात पर अंत तक नकारते रहे थे। लेकिन बिहार पुलिस की रिपोर्ट में नीट में गड़बड़ी का साफ जिक्र होने के बाद उनकी पद से छुट्टी कर दी गई है। बिहार पुलिस की जांच में पेपर लीक की बात लगातार सामने आने के बाद भी एनटीए प्रबंधन और डीजी सुबोध कुमार सिंह शुरू से ही इसे नकारते रहे। 

नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को जारी होना था लेकिन 10 दिन पहले लोकसभा परिणाम के दिन 4 जून को ही जारी कर दिया गया। शिक्षा मंत्री प्रधान ने 13 जून को दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद सुबोध से नीट यूजी परीक्षा पेपर लीक और गड़बड़ी की सूचना पर जानकारी मांगी थी। उन्होंने पूछा था, आखिर सच क्या है? कहीं गलती है तो साफ बताएं, आखिर लाखों छात्रों के भविष्य की बात है। लेकिन एनटीए हर बार एक ही रटा-रटाया जवाब देता रहा कि कोई पेपर लीक और गड़बड़ी नहीं है। 13 से 16 जून के बीच कई बार प्रधान ने एनटीए से पूरे मामले पर जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि बिहार पुलिस आखिर किस आधार पर गड़बड़ी की बात कह रही है। 16 जून को प्रधान ने दो टूक कहा था कि यदि इन गड़बड़ी में एनटीए का कोई बड़ा अधिकारी भी शामिल मिला तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यूजीसी नेट पेपर लीक पर प्रधान ने उठाया था सवाल

एनटीए के कामकाज पर प्रधान ने खुद सवाल उठाया कि आखिर एक पेपर की गड़बड़ी के बीच दूसरी परीक्षा का पेपर लीक कैसे हो गया। एनटीए अधिकारी आखिर क्या कर रहे हैं? इस बात से केंद्रीय शिक्षा मंत्री एनटीए के अधिकारियों से खासे नाखुश और नाराज थे। इससे पहले वे एनटीए डीजी को भी मीडिया के सवालों के जवाब देने के लिए बुलाते थे। लेकिन चार दिन से गलत जानकारी देने के कारण यह दुरियां और तल्खी बढ़ गई। सुबोध कुमार सिंह ने 23 जून 2023 को एनटीए डीजी का कार्यभार संभाला था। इस प्रकार कार्यकाल का एक साल पूरा होने से एक दिन पहले वे जिम्मेदारी से मुक्त कर दिए गए हैं।

पेपर लीक विवाद के बीच परीक्षा पर नया कानून डैमेज कंट्रोल का प्रयास : कांग्रेस

कांग्रेस ने नीट-यूजी, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार की तरफ से लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किए जाने को डैमेज कंट्रोल की कोशिश करार दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि निश्चित तौर पर ऐसे कानून की जरूरत थी लेकिन यह पेपर लीक के बाद की स्थिति से निपटने को ध्यान में रखकर बनाया है। सबसे पहले तो ऐसे कानून और प्रक्रियाओं की जरूरत है जिससे पेपर लीक ही न होना सुनिश्चित हो। नए कानून में अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

पारदर्शी, निष्पक्ष और शून्य-त्रुटि परीक्षा कराना सरकार की प्रतिबद्धता

पारदर्शी, गड़बडी रहित और शून्य-त्रुटि परीक्षाएं कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। उच्च-स्तरीय समिति का गठन एनटीए में सुधार और परीक्षा प्रक्रिया की सभी संभावित गड़बड़ियों को समाप्त करने के लिए उठाए गए कदमों की शृंखला में पहला कदम है। छात्रों का हित और उनका उज्ज्वल भविष्य हमेशा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी -धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री


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