राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुरोहित का निधन; शिवाजी का राज्याभिषेक कराने वालों के थे वंशज


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-06-23 05:54:49



राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुरोहित का निधन; शिवाजी का राज्याभिषेक कराने वालों के थे वंशज

इस साल जनवरी में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा स्थापना समारोह संपन्न करवाने वाले वाराणसी के विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार को 90 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर के रहने वाले हैं, लेकिन पिछली कई पीढ़ियों से काशी में ही उनका परिवार रह रहा है। पंडित लक्ष्मीकांत सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य भी रह चुके थे। वाराणसी के विद्वानों में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का एक अलग ही स्थान था। काशी की विद्वत परंपरा के परिचायक के रूप में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को देखा जाता था।

लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे। सांगवेद महाविद्यालय की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी। पंडित लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के अच्छे विद्वानों में होती थी। उन्हें पूजा पद्धति में भी महारत हासिल थी। लक्ष्मीकांत दीक्षित ने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी।

पंडित लक्ष्मीकांत के पूर्वज मशहूर पंडित गागा भट्ट थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था। लक्ष्मीकांत दीक्षित की अध्यक्षता में 121 पंडितों की टीम ने 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान करवाया था। इस टीम में काशी के 40 से अधिक विद्वान शामिल हुए थे। राम मंदिर में पूजन पाठ संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गर्भगृह में मुख्य पुरोहित के रूप में लक्ष्मीकांत दीक्षित ने आशीर्वाद दिया था। पीएम मोदी ने भी लक्ष्मीकांत दीक्षित के पैर छूकर उस वक्त आशीर्वाद लिया था।

प्रधानमंत्री ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर दुःख प्रकट करते हुए अपने सोशल मिडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।

निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर शोक जताया है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर सीएम ने लिखा कि प्रभु श्रीराम उनके शिष्यों व अनुयायियों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। सीएम योगी ने लिखा कि काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके शिष्यों व अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!


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