शिवसेना प्रत्याशी वायकर की जीत के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार की हाई कोर्ट याचिका - धोखाधड़ी का आरोप
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-06-22 08:42:26
शिवसेना प्रत्याशी वायकर की जीत के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार की हाई कोर्ट याचिका - धोखाधड़ी का आरोप
मुंबई: मुंबई नॉर्थ वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार भरत शाह ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने शिवसेना के रविंद्र वायकर की हालिया लोकसभा चुनाव में जीत को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने मतगणना में अनियमितताओं और अवैधताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणाम को शून्य और अवैध घोषित करने की मांग की है।
मुख्य मुद्दे
याचिकाकर्ता भरत शाह, हिंदू समाज पार्टी के सदस्य और स्वतंत्र उम्मीदवार, ने अपनी याचिका में दावा किया है कि मतगणना के दौरान भारी गड़बड़ी और अवैध गतिविधियाँ हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं किया और कई स्थानों पर धोखाधड़ी की गई।
चुनाव परिणाम
रविंद्र वायकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, शिवसेना (UBT) के अमोल किर्तिकर, से केवल 48 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव जीता। भरत शाह ने 937 वोट प्राप्त किए, जबकि कुल 9,54,939 वोट डाले गए थे।
याचिकाकर्ता का तर्क
भरत शाह का तर्क है कि इस मामूली अंतर से जीतने में अनियमितताओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि चुनाव परिणाम को निरस्त किया जाए और निष्पक्ष जांच की जाए। उनका दावा है कि निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है।
अदालत की सुनवाई
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। अदालत इस मामले में प्रस्तुत सभी सबूतों और तर्कों की गहन समीक्षा करेगी।
निष्कर्ष
इस मामले का परिणाम आने वाले समय में स्पष्ट होगा, लेकिन यह घटना चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। मतदाताओं का विश्वास बनाए रखना लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु:
मुंबई नॉर्थ वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिकाकर्ता ने शिवसेना के रविंद्र वायकर की चुनावी जीत को चुनौती दी है, आरोप लगाते हुए कि मतगणना में अनियमितताएं और अवैधताएं हुई हैं।
याचिकाकर्ता ने चुनाव परिणाम को शून्य और अवैध घोषित करने की मांग की है।