राजस्थान में खेल संघों पर शिकंजा कसने की तैयारी, लागू होने जा रहा नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-19 16:39:48
राजस्थान में खेल संघों पर शिकंजा कसने की तैयारी, लागू होने जा रहा नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड
राजस्थान में पिछले कुछ समय से खेल संघों में हो रहे विवाद का नुकसान खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है। हालात यह है कि कई खेल संघों में 2 या उससे अधिक एसोसिएशन काम कर रही हैं। जिसके बाद खेल परिषद ने राजस्थान में इन खेल संघों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। राज्य में आगामी दो महीने में नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड 2011 लागू करने की बात कही जा रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि राज्य में तकरीबन 40 से ज्यादा खेल संघ बने हुए हैं और पिछले कुछ सालों से कुछ प्रभावशाली व्यक्ति ही इन खेल संघों को चला रहे हैं।
माना जा रहा है कि नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड लागू होने के बाद खेल संघों पर कब्जा जमाकर बैठे इन पदाधिकारियों की छुट्टी होना तय है। मामले को लेकर खेल सचिव सोहन राम चौधरी का कहना है कि नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड को लागू करने का मुख्य मकसद यह है कि खेल संघों के जो चुनाव होते हैं, उसमें पारदर्शिता आ सके। जिससे खेल परिषद को पता रहे कि किस तरह के टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं और कौन-कौन से खिलाड़ी भाग ले रहे हैं? स्पोर्ट्स कोड लागू होने के बाद 70 साल से अधिक का व्यक्ति खेल संघों में शामिल नहीं हो सकेगा और कोई भी पदाधिकारी दो बार से अधिक खेल संघ के किसी भी पद पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
मान्यता होगी रद्द
नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड 2011 को लागू करने के लिए केंद्र की ओर से निर्देश जारी हो चुके हैं। साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी खेल संघ या फेडरेशन इसे लागू नहीं करेगा, उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि आगामी दो महीने के अंदर नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड 2011 राजस्थान में लागू हो जाएगा। लागू नहीं करने पर संघ फेडरेशन की मान्यता रद्द होगी। इसके अलावा खेल संघ में 25 फीसदी एक्टिव खिलाड़ियों का होना भी जरूरी है।
ये मुख्य नियम होंगे लागू
नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड 2011 लागू होने के बाद कोई भी खेल संघ में आठ साल पद पर रहने के बाद 4 साल का ब्रेक लेना जरूरी होगा। संघ अध्यक्ष केवल 12 साल तक ही पद पर रह सकेगा। किसी दूसरे संघ में भी पदाधिकारी नहीं बन पाएंगे। उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं, अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी खेल संघ का पदाधिकारी बनता है तो उसे अपने विभाग से एनओसी लेनी होगी।