12 करोड़ गए पानी में! करोड़ों की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले गिरा
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-19 11:44:37
12 करोड़ गए पानी में! करोड़ों की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले गिरा
बिहार में पुलों के गिरने का ट्रेंड चल रहा है। खास तौर पर बकरा नदी का पुल लगभग हर साल गिरता है। कभी नदी के रास्ता बदलने से एप्रोच रोड टूट जाता है तो कभी पुल। इस बार करोड़ों की लागत से बना पुल धड़ाम हो गया है।
गौरतलब है कि नेपाल में मूसलाधार बारिश होने के कारण सिकटी प्रखंड होकर गुजरने वाली बकरा नदी में अचानक उफान आ गया है। इसी उफान के कारण यह पुल बह गया। दरअसल, बकरा नदी पर पांच वर्ष पहले भी एक पुल बनाया गया था। पुल के पूरा होते ही बकरा नदी ने धारा बदल ली थी। उसके बाद इस नए पुल का निर्माण कराया जा रहा था।
नेपाल में हुई बारिश के कारण अचानक आए नदी में तेज बहाव ने पुल को अपने साथ बहा लिया। पुल का कार्य पूरा हो गया होता तो इससे सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंड जुड़ जाता। यह दुखद बात है कि सरकार ने इस पुल पर 12 करोड़ रुपए खर्च किए थे लेकिन सब पानी में चला गया।
इस बहाव में परडिया घाट पर बने पुल का तीन पाए भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। इसके ऊपर बना गार्डर भी नदी में समा गया है। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है। लोगों का आरोप है कि घटिया निर्माण किए जाने से इस पुल की यह दशा हुई है।
बता दें कि इस पुल का उद्घाटन होने वाला था। लेकिन उद्घाटन से पहले ही करोड़ों की लागत से बनने वाला पुल ध्वस्त हो गया। बिहार में एक के बाद एक पुल गिर रहे हैं। कोई आंधी से तो कोई बिना आंधी और पानी के ये हाल तब है जब प्रदेश में अभी तक बारिश नहीं हुई।
पुल कैसे गिरा, क्या गुणवत्ता में कोई कमी की वजह से ये हादसा हुआ ये कह पाना मुश्किल है। फिलहाल इस बार भी पुल गिरने पर जांच का मुलम्मा चढ़ाया जाएगा। देखना है कि संबंधित जिम्मेदार पुल के गिरने की क्या वजह बताते हैं।
सिकटी विधानसभा के विधायक विजय कुमार मंडल ने बताया कि पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा कराया जा रहा था। हम लोगों को उम्मीद थी के पुल बढ़िया और मजबूत बनेगा। लेकिन अभी बारिश की शुरुआत में ही पुल का बह जाना विभाग के संवेदक की लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोलता है। इस कार्य में लगे संवेदक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।