♦ समाचार पत्र समाज का सजग प्रहरी होता है- एडवोकेट हीरालाल हर्ष वरिष्ठ पत्रकार के डी हर्ष के सम्पादन में प्रकाशित कोहिनूर ने 59 वां स्थापना दिवस मनाया
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-17 05:27:11
पाक्षिक समाचार पत्र कोहिनूर ने 59 वां स्थापना दिवस मनाया
♦ समाचार पत्र समाज का सजग प्रहरी होता है- एडवोकेट हीरालाल हर्ष
वरिष्ठ पत्रकार के डी हर्ष के सम्पादन में प्रकाशित कोहिनूर ने 59 वां स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने कहा कि लोकतंत्र में समाचार पत्र को चौथा स्तम्भ माना जाता है। क्योंकि समाचार पत्र समाज और राष्ट्र में व्याप्त कुरीतियों की तरफ़ सरकार का ध्यान आकृष्ट कर सभी के सहयोग से उसे दूर करने का प्रयास करता है। अतः कहा जाता है कि समाचार पत्र समाज का सजग प्रहरी होता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. अजय जोशी ने कहा कि आधुनिक काल में जब बड़े-बड़े प्रकाशन समूह समाप्त हो रहे हैं अथवा वे ऑन लाईन हो गए हैं। उस दौर में प्रिंट मीडिया को संभाले रखने में केशवदास हर्ष के पत्रकारिता के प्रति निडरता, निष्पक्षता और समर्पण भाव को परिलक्षित करता है। आज का दौर प्रिंट मीडिया के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस बीच लगातार 59 वर्ष तक किसी पाक्षिक समाचार पत्र का नियमित प्रकाशित होना हर्ष का जुनून ही माना जाएगा।
विशिष्ट अतिथि राजाराम स्वर्णकार ने पत्रकारिता जगत में कोहिनूर के लम्बे और सच्चे इतिहास को रेखांकित करते हुए बताया कि इस समाचार पत्र ने कड़े संघर्ष के बाद अपनी साख को बचाए रखा है। आम पाठक का विश्वास इस समाचार पत्र में आज भी बोलता है। विपरीत परिस्थितियों में भी इसका पाक्षिक प्रकाशन समय पर हो रहा है। यह बड़ी बात है। इसके संपादक काफी समय से बीमार चल रहे हैं मग़र कोहिनूर रुका नहीं, आज भी समय पर प्रकाशित होकर आम पाठक के हाथ में आ रहा है।
इससे पहले सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन किया। नन्दिनी, तृप्ति और इत्ति हर्ष ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कोहिनूर के नए अंक का अतिथियों ने लोकार्पण किया।
अस्वस्थता के बावजूद के डी हर्ष ने कहा कि पाठकों के उत्साह से ऊर्जित होकर यह पाक्षिक कोहिनूर समाचार पत्र आपके हाथों में विश्वसनीय एवं सच्चे समाचारों के साथ पहुंच रहा है। कोहिनूर पत्र के प्रति पाठकों के अगाध प्रेम ने ही इसे ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए हास्य कवि बाबू बमचकरी ने कहा कि शहर की गली-चौक एवं कोटगेट पर तांगे से लाउडस्पीकर पर इस अखबार को के डी हर्ष प्रसारित किया करते थे जिससे जनता इसे पढ़ती थी। इंजी. मिताली हर्ष एवं गणेश पुरोहित ने भी अपने विचार प्रकट किए। मनोजकुमार हर्ष ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।