कैंची धाम का स्थापना दिवस आज, बाबा के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-16 20:10:47
कैंची धाम का स्थापना दिवस आज, बाबा के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब
कैंची धाम का आज 60वां स्थापना दिवस है और ऐसे में नीम करौली बाबा के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। कैंची धाम में सुबह 5.30 बजे बाबा नीम करौली महाराज को भोग लगाने के बाद मालपुए का प्रसाद बंटना शुरू हो गया है।
सुबह पांच बजे से बाबा के दर्शन के लिए कैंची धाम में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मंदिर समिति के प्रबंधक प्रदीप साह ने बताया कि बाबा को भोग लगाने के साथ मेला शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि रात 9 बजे तक मालपुए का प्रसाद बंटेगा। उन्होंने कहा कि इस बार 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
इस बार का कैंची मेला ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसका अंदाजा कैंची मेले से एक दिन पहले शुक्रवार की शाम को यहां पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं को देखकर लगाया जा सकता है। शुक्रवार की शाम को देश के कोने-कोने से पहुंचे 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रात भर हनुमान चालीसा का पाठ किया। बाबा के जयकारों से कैंची धाम गूंज उठा।
बता दें कि, कैंची धाम में सुबह पांच बजे बाबा नीम करौली महाराज को भोग लगाने के बाद मालपुए का प्रसाद बंटना शुरू हुआ। बाबा के प्रति आस्था का ही यह सैलाब था की सुबह पांच बजे से चार किमी लंबी लाइन में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने घंटों इंतजार के बाद बाबा के दर्शन कर मालपुए का प्रसाद लिया। मंदिर के मुख्य द्वार से भवाली और अल्मोड़ा की ओर से आने वाले भक्त बाबा के जयकारों के साथ बाबा के दर्शन करते रहे। वहीं लंबी कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की।
मंदिर समिति के प्रबंधक प्रदीप साह ने बताया कि बाबा को भोग लगाने के साथ मेला शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की रात से ही हजारों श्रद्धालु कैंची धाम पहुंच गए थे। साह ने कहा कि इस बार 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। साह के अनुसार अभी तक लगभग एक लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन और मालपुए का आशीर्वाद ले चुके हैं।
इधर कैंची मेले की यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा मोर्चा संभाले हुए हैं। एसएसपी ने बताया कि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़ना पड़े इसके लिए टीम व्यवस्थाओं में लगी हुई हैं।