विकसित राजस्थान के लिए राजस्व संग्रहण बढ़ाएं - मुख्य सचिव


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-15 19:51:20



विकसित राजस्थान के लिए राजस्व संग्रहण बढ़ाएं - मुख्य सचिव

मुख्य सचिव सुधांश पन्त ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विकसित राजस्थान के संकल्प को पूर्ण करने एवं प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए राजस्व संग्रहण अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि राजस्व अर्जन को बढ़ाने के साथ ही लोगों को ईमानदारी से कर अदायगी के लिए प्रोत्साहित करें। मुख्य सचिव ने विभागों से राजस्व संग्रहण में बकाया कर वसूली के लिए अभियान चलाने के लिए कहा है। 

पन्त गुरूवार को शासन सचिवालय में राज्य की राजस्व प्राप्ति के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि ईमानदारी से कर अदा करने वालों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो। उन्होंने प्रदेश में अवैध खनन व उसके परिवहन, अवैध मदिरा के विक्रय व परिवहन तथा कर चोरी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विस्तृत योजना बनाने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर अपने जिले में राजस्व संग्रहण की स्थिति की समीक्षा करें और संग्रहण में वृद्धि के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करें।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उड़न दस्तों की नियमित मॉनिटरिंग करें तथा प्राप्त शिकायतों के आधार पर उनकी रैंडम चैकिंग करवाएं। उन्होंने खान विभाग के अधिकारियों को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त अवैध खनन की सूचनाओं और शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्मिकों को उनके कर्तव्य में बाधा उत्पन्न करने वाले तत्वों पर भी कठोर कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करें।

पन्त ने कर अदायगी के उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं करने वाली फर्मों पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिये। साथ ही राजस्व संग्रहण से जुड़े विभागों को नवीन तकनीकों के इस्तेमाल तथा आपसी समन्वय से राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा। 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन श्रीमती श्रेया गुहा, शासन सचिव वित्त(राजस्व) डॉ. कृष्ण कान्त पाठक के अतिरिक्त खान, पैट्रोलियम, आबकारी, पंजीयन व मुद्रांक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सम्बंधित संभागीय आयुक्त व जिला कलेक्टर विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।


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