विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून - मेडिकल कॉलेजों में बनेगा रक्तदाताओं का डाटा बैंक, सभी अस्पतालों में निशुल्क होगी रक्त जांच
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-14 11:53:52
विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून - मेडिकल कॉलेजों में बनेगा रक्तदाताओं का डाटा बैंक, सभी अस्पतालों में निशुल्क होगी रक्त जांच
आपातस्थिति में रक्तदाता तक पहुंचने के लिए केंद्र सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है। इसके तहत देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ब्लड डोनर रजिस्ट्री यानी रक्तदाताओं का डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। इसी योजना के तहत 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस पर देश के सभी अस्पतालों में लोगों की निशुल्क रक्त जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र जारी किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया है। केंद्र की इस पहल से न सिर्फ लोगों को उनके रक्त समूह के बारे में पता होगा, बल्कि अस्पतालों के पास भी अलग-अलग समूह वाले लोगों की जानकारी मौजूद होगी। आपातस्थिति में अस्पताल की ओर से इन लोगों से संपर्क किया जा सकता है, ताकि मरीज का जीवन बचाया जा सके।
अक्सर लोगों को अपने ब्लड ग्रुप का पता नहीं होता है
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल केंद्र के साथ-साथ सभी राज्यों के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को इस अभियान से जोड़ने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें अपने ब्लड ग्रुप के बारे में नहीं पता होता। वहीं दूसरी ओर अस्पतालों के पास भी स्थानीय ब्लड डोनर की जानकारी नहीं होती है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि अस्पताल के नजदीक ही कोई ओ या ए ग्रुप वाला व्यक्ति हो जिसकी मदद से किसी मरीज की जान बचाई जा सके।
दो लाख से अधिक अस्पतालों में चलेगा अभियान
अधिकारी के मुताबिक, इसका एक ही समाधान है जिसे लेकर राज्यों को निर्देश दिए गए। देश में 700 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। इनके अस्पतालों के अलावा देश में सामुदायिक, प्राथमिक और जिला स्तर के अस्पताल भी हैं। करीब दो लाख से अधिक अस्पतालों में 14 जून को एक साथ अभियान चलाया जाएगा जहां स्थानीय लोगों की जानकारी, उनका नाम, पहचान, मोबाइल नंबर और आपातकालीन संपर्क का ब्यौरा लेने के साथ-साथ उनके ब्लड ग्रुप की जांच भी होगी।
केंद्र रखेगा निगरानी
मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर अभियान चलाया जाएगा, जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। इसकी प्रगति रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपनी होगी ताकि पता चल सके कि देश के कितने अस्पतालों में रजिस्ट्री का लाभ हुआ है।