मानसून में आपदा से बचाव की तैयारियों में जुटा चिकित्सा विभाग, हर जिले का बनेगा एक्शन प्लान


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-14 11:51:09



मानसून में आपदा से बचाव की तैयारियों में जुटा चिकित्सा विभाग, हर जिले का बनेगा एक्शन प्लान

आगामी मानसून के दृष्टिगत प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए जिला स्तर पर एक्शन प्लान बनाया जाएगा तथा आवश्यक कार्य आरएमआरएस फण्ड में उपलब्ध राशि के माध्यम से किए जा सकेंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने समस्त मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को एक्शन प्लान बनाते हुए माकूल इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए परिपत्र जारी किया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में जून माह के अंत में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। मानसून के दौरान जलभराव या बाढ़ की संभावना को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षात्मक उपाय अपनाने, मौसमी बीमारियों की रोकथाम, आपातकालीन स्थितियों से निपटने सहित विभिन्न तैयारियां करने के निर्देश निचले स्तर तक दिए गए हैं।

करवा सकेंगे आवश्यक कार्य 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि मानसून को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक मरम्मत एवं रिपेयर कार्य भी समय रहते करवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अस्पतालों में संसाधनों की हानि नहीं हो एवं कार्मिकों, रोगियों आदि को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि चिकित्सा संस्थानों की छतों एवं नालों की सफाई, बिजली उपकरणों, स्विच, बोर्ड आदि की जांच एवं रिपेयरिंग की जाए। रोगियों एवं परिजनों के लिए अस्पताल में बैठने के लिए उपयुक्त व्यवस्था हो तथा अस्पताल परिसर में साफ-सफाई रहे। सिंह ने बताया कि आवश्यक कार्यों के लिए राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी में उपलब्ध राशि का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

रेपिड रेस्पॉन्स एवं मोबाइल टीमों का होगा गठन 

मानसून के दौरान 24 घंटे और सातों दिन राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष संचालित किया जाएगा। साथ ही, जिला एवं खण्ड स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष को सुदृढ़ करने और आवश्यक सूचनाओं से राज्य नियंत्रण कक्ष को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। मानसून के दौरान जल जनित रोगों एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए रेपिड रेस्पॉन्स टीमों एवं मोबाइल टीमों का गठन किया जाएगा, ताकि आपात स्थितियों में तत्काल राहत उपलब्ध हो सके।

बाढ़ के कारण पेयजल दूषित होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए ब्लीचिंग पाउडर एवं क्लोरीन का पर्याप्त भण्डारण रखने, जल स्रोतों का नियमित शुद्धिकरण करवाने, जलदाय विभाग के समन्वय से पेयजल पाइपलाइनों के लीकेज ठीक करवाने, पेयजल नमूनों में असंतोषप्रद पाए गए जल स्रोतों का सुपर क्लोरीनेशन करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चिकित्सा संस्थानों में जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखने, जल निकास सहित अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, एंटीलार्वल टेमीफोस, एमएलओ एवं पायरेथ्रम की उपलब्धता रखने, नगरीय निकाय एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से नालियों की समुचित सफाई करवाने एवं कीटनाशकों का छिड़काव करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा कार्मिक मुख्यालय पर रहें उपस्थित 

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चिकित्सा कार्मिकों को मुख्यालय पर उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही, कहा गया है कि आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय रखते हुए आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध करवाई जाएं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से समय-समय पर जारी अलर्ट का ध्यान रखते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।


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