सक्रीय स्वेच्छाकर्मी बाल विवाह के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-14 09:52:52



सक्रीय स्वेच्छाकर्मी बाल विवाह के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक 

एक सेवानिवृत्त सैन्य अफसर पूनम, एक दशक से अधिक समय तक सेना में कार्यरत रहीं। फिर 2022 में उन्होंने यूनीसेफ में बाल रक्षक अधिकारी का कार्यभार सम्भाला। तब से ही वो बाल विलाह के खिलाफ लड़ाई में बेहद सक्रिय हैं और समाज में बाल विवाह की कुरुति के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने में लगी हैं। पूनम कहती हैं कि मैं सरकार, यूनीसेफ और एनजीओ के संयुक्त पहुंच कार्यक्रमों का हिस्सा हूं, जिनके तहत हम, स्थानीय समुदाय को बाल विवाह से निपटने में उनकी अहम भूमिका के बारे में समझाते हैं। हम जागरूकता सत्र आयोजित करते हैं। साथ ही, मानसिकता बदलने के लिए खुले संवाद करते हैं। इससे बाल विवाहों को रोकने व बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण देने के मकसद के लिए समुदाय सशक्त होता हैं।

वो छात्रों व अभिभावकों के लिए, बाल विवाह की हानियों पर कार्यशालाएं व शिक्षण अभियानों का नेतृत्व करती हैं। उनका मानना है कि समुदाय के सदस्यों की जवाबदेही बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि वो इस तरह की कुरीतियों पर सवाल उठाने में सक्षम हों, जिनसे बाल विवाह को समाप्त करने में मदद मिल सकती है। पूनम कहती हैं कि समुदायों को ज्ञान व संसाधनों के सहारे, हम ऐसे नेतृत्वकर्ता तैयार कर सकते हैं, जो बाल विवाह के कुचक्र को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हों। इस प्रथा से, बच्चे, खासतौर पर लड़कियां, शिक्षा, स्वास्थ्य व परिपूर्ण बचपन जीने के अपने अधिकार से वंचित रह जाती हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र, भारत के उन 5 प्रदेशों में से एक है, जहां आधी से ज्यादा लड़कियां बाल विवाह का शिकार होती हैं। महाराष्ट्र में यूनीसेफ, बाल विवाह का खात्मा करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण लेकर काम कर रहा है। महाराष्ट्र कार्यालय में यूनीसेफ की बाल रक्षा विशेषज्ञ अल्पा वोरा कहती हैं कि बच्चों का रक्षा का कार्य बहुत अहम है और पूनम, यूनीसेफ की कई पहलों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं।

इनमें 30 लड़कियों को आजीविका आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण देना, छात्रों व अभिभावकों के साथ बाल विवाह सम्बन्धी लैंगिक पूर्वाग्रहों में बदलाव हेतु विभिन्न गतिविधियां आयोजित करना तथा सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन लाने के प्रयास शामिल हैं। स्वेच्छा सेवा के प्रति उनका समर्पण, बच्चों की सुरक्षा व कल्याण के हमारे प्रयासों के प्रति बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।

जनवरी 2024 में, पूनम को नए पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई और अब वो यूनीसेफ़ में सामाजिक व व्यवहार परिवर्तन संचार अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं। पूनम, सेना में अपने कार्यकाल को याद करते हुए अपनी वर्तमान भूमिका के बारे में कहती हैं कि स्वेच्छा सेवा की इच्छा मेरे अन्तर्मन से आई। मैं समुदाय की सेवा के मिशन पर हूं, जहां मैं अपने कौशल व अनुभव के जरिए, समाज पर असर डालने वाले मुद्दों का समाधान खोजने की कोशिश करती हूं।


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