नौकरी के नाम पर ठगे 15 लाख, फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड देकर लापता हुए ठग


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-13 14:58:40



नौकरी के नाम पर ठगे 15 लाख, फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड देकर लापता हुए ठग

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके में रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर दो भाइयों से साढ़े 15 लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी ने दोनों का विश्वास जीतकर रुपये ऐंठ लिए। बाद में न तो नौकरी लगवाई और न ही रुपये वापस किए। पैसे वापस मांगने पर आरोपी ने पीड़ित और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। आरोपी ने बकायदा पीड़ित को रेलवे में नौकरी का नियुक्ति पत्र, आईडी कार्ड व अन्य सामान भी दिया। मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार हैं। पुलिस की कई टीमें आरोपी व उसके गैंग के लोगों की तलाश कर रही हैं।

पुलिस के मुताबिक मूलरूप से दादरी, गौतमबुद्ध नगर निवासी दीपक भाटी (32) परिवार के साथ दिल्ली के खजूरी खास इलाके में रहता है। इसके परिवार में पिता राजपाल भाटी के अलावा भाई हितेंद्र भाटी है। दीपक और हितेंद्र बेरोजकार थे। इस बीच मई 2022 में दीपक की मुलाकात तन्मय मिश्रा नामक व्यक्ति से हुई। आरोपी ने खुद को कैरियर कंसलटेंट और जॉब प्रोवाइडर बताया। आरोपी ने दीपक से कहा कि वह स्थाई, अस्थायी और संविदा पर नौकरी लगवाता है। उसने कई लड़के-लड़कियों की नौकरी लगवाई है। दीपक ने अपने परिवार से इसकी बात की। परिजनों ने दीपक व उसके भाई हितेंद्र की रेलवे में नौकरी लगवाने की बात की।

आरोपी ने आश्वासन दिया कि वह 60 हजार रुपये महीना नौकरी लगवा देगा। इसके बदले उसको एक साल का वेतन और कुछ और रुपयों की जरूरत होगी। परिवार इसके लिए तैयार हो गया। धीरे-धीरे आरोपी ने पीड़ित परिवार से रुपये ऐंठना शुरू कर दिया। पहले दोनों से फॉर्म भरवाया गया। इसके बाद उनके पास रेलवे से फर्जी कॉल करवाई गई। बाद में इनका संजय गांधी अस्पताल में मेडिकल करवाकर दोनों को व्हाट्सप पर नियुक्ति पत्र भेज दिया गया। दिल्ली में पोस्टिंग के नाम पर 50-50 हजार रुपये और एक साल का वेतन एडवांस में दोनों भाइयों से ले लिया गया। बाद में उनको कागजात जमा करने के बहाने पहले प्रयागराज और बाद में आगरा भेजा गया।

इसके बाद भी दोनों को नियुक्ति नहीं दी गई। बार-बार कहने पर आरोपी कोई न कोई बहाने बनाकर टालता रहा। परिवार ने जब नियुक्ति पत्र और आई कार्ड की जांच करवाई तो वह फर्जी निकले। ठगी का शक होने पर मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने छानबीन के बाद मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।


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