सुपरबग ने बढाई सुनीता विलियम्स सहित एस्ट्रोनॉट्स की मुश्किलें, श्वसन तंत्र को करता है संक्रमित


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-13 05:10:44



सुपरबग ने बढाई सुनीता विलियम्स सहित एस्ट्रोनॉट्स की मुश्किलें, श्वसन तंत्र को करता है संक्रमित 

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी खतरे में हैं। उन्होंने 6 जून को अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जोड़ दिया था, लेकिन अब सुनीता और उनके क्रू के 8 सदस्यों के सामने नई मुसीबत आई है। ISS के अंदर एक सुपरबग का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एंटेरोबैक्टर बुगंडेंसिस है, जो एक बहुत ही शक्तिशाली बैक्टीरिया है। यह स्पेस स्टेशन के बंद वातावरण में ही विकसित हुआ है, जो लगातार शक्तिशाली होता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस पर दवाइयों का भी असर नहीं हो रहा है। यह बैक्टेरिया सांस के जरिए घुसकर पूरे श्वसन तंत्र को संक्रमित कर सकता है।

सताने लगी सुपरबग की चिंता

नासा की भारतीय मूल की सुनीता और उनके सहयोगी 6 जून को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से ISS पहुंचे थे। यहां ये सभी एक सप्ताह बिताएंगे। इस दौरान वह अंतरिक्ष में विभिन्न परीक्षणों में सहायता करेंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। क्रू के 7 अन्य सदस्य लंबे समय से आईएसएस पर रह रहे हैं। आमतौर पर स्पेस स्टेशन में चिंता का विषय अंतरिक्ष में उड़ने वाले मलबे और उल्कापिंड होते हैं, लेकिन अब सुपरबग की चिंता ज्यादा सताने लगी है। 

किसी का भी जीवन आसान नहीं

ISS में सुपरबग की मौजूदगी पर नासा ने कहा था कि एंटेरोबैक्टर बुगंडेंसिस नाम के इस बैक्टेरिया पर कई दवाओं का असर नहीं होता, उसकी 13 सब वैरिएंट को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में अलग किया गया था। ये बैक्टेरिया धरती पर पाए जाने वाले बैक्टेरिया से अलग है। नासा के वैज्ञानिक डॉ. कस्तुरी वेंकटेश्वर ने इस सुपरबग को लेकर कई बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि ISS में किसी का भी जीवन आसान नहीं है। यहां मौजूद लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पृथ्वी की अपेक्षा कम होने लगती है। यह कहा जा सकता है कि ISS में मौजूद ये सुपरबग बड़ी चुनौती बन सकते हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है।


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