महाराणा प्रताप जयंती विशेष : सरकार ने पाठ्यक्रम में गलत जानकारी से युवाओं को किया भ्रमित - प्रेमसिंह बनवासा
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-12 16:04:12
महाराणा प्रताप जयंती विशेष : सरकार ने पाठ्यक्रम में गलत जानकारी से युवाओं को किया भ्रमित - प्रेमसिंह बनवासा
महाराणा प्रताप की जयंती आज पूरे देश भर में मनाई जा रही है। स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व को जीवन में उतारा जाए उसको लेकर अलग-अलग संगठनों की ओर से भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप की वीरगाथाओं के बारे में भी बताया जा रहा है। वहीं राणा प्रताप की जयंती पर राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित तमाम राजनीति से जुड़े हस्तियों ने भी बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही महाराणा प्रताप के विचारों को अपने जीवन में उतारने का संदेश दिया।
मातृभूमि की रक्षा और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष
राज्यपाल कलराज मिश्र ने महाराणा प्रताप जयंती पर उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए किया गया उनका संघर्ष संवैधानिक आधार लिए राष्ट्र के स्वाभिमान से जुड़ा था। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर मातृभूमि की रक्षा और स्वतंत्रता के लिए मुगलों से सतत संघर्ष किया, पर कभी हार नहीं मानी। राज्यपाल ने महाराणा प्रताप के आदर्शों से प्रेरणा लेकर सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए कार्य करने का आह्वान किया है। उधर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। शर्मा ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा और स्वाभिमान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व राजस्थान के साथ ही पूरे देश की आन-बान-शान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे सभी महाराणा प्रताप के संघर्षमयी और गौरवमयी जीवन से प्रेरणा लेकर देश सेवा का संकल्प लें साथ ही प्रदेश के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं।
युवा पीढ़ी को बता रहे सही इतिहास
वहीं, महाराणा प्रताप समारोह समिति की ओर प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप की वीरता और स्वाभिमान के संघर्ष की कहानी बताने के लिए समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम के।मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए केबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि महाराणा का जीवन, उनका संघर्ष और उनके संकल्प ने पूरे देश को स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिए संघर्ष की प्रेरणा दी है। आज हम भारतीय शौर्य और वीरता के पर्याय रहे एक महान नायक को याद कर रहे हैं। महाराणा ने हमारे लोक संस्कार में गौरव के जो बीज डाले, वह आज पूरे देश के लोकमानस में सामाजिक एवं सांस्कृतिक बोध और संस्कार के रूप में दिखाई देते हैं। ऐसे महान वीरों के प्रति कृतज्ञता का भाव सही मायनों में हमारी ऊर्जा का स्रोत है। राठौड़ ने कहा कि ऐसे महावीरों से हमें देश और समाज के लिए संघर्ष करने और विजयी होने की महान प्रेरणा मिलती है। हमें आगे बढ़ने का साहस मिलता है। हमें विपरीत स्थितियों में अपने मूल्य और आदर्श की रक्षा करने की शक्ति मिलती है। हम हर परिस्थिति में निर्भीक बने रहते हैं।
13 वर्षों से कर रहे जागरूक
कार्यक्रम संयोजक प्रेम सिंह बनवासा ने बताया कि 13 वर्षों से महाराणा प्रताप जयंती पर इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह का उद्देश्य युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के सिद्धांतों से परिचित कराना है। उनका असली इतिहास बताना है। क्योंकि आजादी के बाद पाठ्यपुस्तकों में महाराणा प्रताप को नहीं, बल्कि अकबर को महान बताया जा रहा है। हमें इस पाठ्यक्रम को भी बदलना है। बनबसा ने कहा कि युवा पीढ़ी किताबों के आधार पर ही गलत इतिहास को समझ रही है। लगातार कई सालों से इस बात की कोशिश की जा रही है कि पाठ्यक्रम में सही इतिहास पढ़ाया जाए। लेकिन कुछ राजनीतिक विचारधारा की सरकार वर्षों से गलत पाठ्यक्रम के माध्यम से युवाओं को भ्रमित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्वाभिमान और संघर्ष का एक ऐसा उदाहरण है जो हमें जीवन की नई दिशा देता है। महाराणा प्रताप राजा के घर में जन्मे पुत्र जरूर थे, लेकिन वह जनता के द्वारा चुने गए देश के पहले राजा थे।