हाईकोर्ट का निर्देश- रिटायर्ड कर्मियों से नहीं की जा सकती रिकवरी, यदि की है तो 6 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाएं
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-11 17:46:18
हाईकोर्ट का निर्देश- रिटायर्ड कर्मियों से नहीं की जा सकती रिकवरी, यदि की है तो 6 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाएं
मप्र हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इसके अनुसार एक मामले में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से रिकवरी किए जाने की बात को गलत बताया गया है। कोर्ट ने कहा है कि गलत वेतन पुनर्निर्धारण से जुड़े कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत के तहत वर्षों पहले दी गई अंडरटेकिंग के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों से रिकवरी नहीं की जा सकती।
हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रकरणों का हाईकोर्ट की लार्जर बेंच द्वारा जगदीश प्रसाद दुबे के प्रकरण में दिए गए फैसले के आधार पर निराकरण करें। युगलपीठ ने यह भी कहा कि यदि कर्मचारियों से रिकवरी कर ली गई है तो उन्हें 6 फीसदी ब्याज के साथ राशि लौटाएं। यह पूरी प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करनी है। इसके साथ ही न्यायायालय ने कहा है कि चूंकि अधिकतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हैं, इसलिए सरकार फ्रेश पीपीओ जारी कर उनकी पेंशन रिवाइज करें।
दरअसल जबलपुर निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर बच्चनजी मिश्रा की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे, मंडला निवासी सेवानिवृत्त सहायक शिक्षक छोटेलाल रजक, सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर शशिकांत मिश्रा, सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल योगेन्द्र झा, सहायक ग्रेड-2 राजकुमार मनवानी, हरदयाल सिंह गिल, हीराजी तांडेकर की ओर से पक्ष रखा गया। सभी की ओर से दलील दी गई कि सरकार द्वारा गलत पे-फिक्सेशन का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता कर्मचारियों पर रिकवरी निकाल दी। अधिवक्ताओं ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने रफीक मसीह के प्रकरण में स्पष्ट फैसला दिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों से वसूली नहीं की जा सकती। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए।