ऑनलाइन होने वाले एग्जाम क्लेट के रूल को ऑफलाइन NEET UG में लागू करना गलत: डॉ. बृजेश माहेश्वरी


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-11 10:51:17



ऑनलाइन होने वाले एग्जाम क्लेट के रूल को ऑफलाइन NEET UG में लागू करना गलत: डॉ. बृजेश माहेश्वरी

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी को लेकर लगातार विवाद लगातर गहराता जा रहा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने शनिवार को दिल्ली में इस संबंध में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को ग्रेसिंग मार्क्स दिए गए हैं। उनके संबंध में जांच पड़ताल भी करवाई जा रही है। जरूरत हुई तो इन विद्यार्थियों का दोबारा एग्जाम होगा और नीट यूजी का परिणाम भी दोबारा जारी किया जा सकता है। दूसरी तरफ कोटा में आज भी लगातार प्रदर्शन का क्रम जारी रहा। बड़ी संख्या में राजीव गांधी नगर में कोचिंग स्टूडेंट, उनके पैरेंट्स, फैकल्टी हॉस्टल संचालक प्रदर्शन में मौजूद रहे व एनटीए के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।

इस दौरान एक निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कह रही है कि उन्होंने ग्रेसिंग मार्क्स का रूल इसमें लगाया है। जबकि यह रूल ऑनलाइन होने वाले लॉ एंट्रेंस एग्जाम क्लेट में लागू किया गया था। जहां पर कंप्यूटर पर क्लॉक चलती रहती है और फिक्स समय का कैलकुलेशन हो सकता है। नीट यूजी एक्जाम पूरी तरह से ऑफलाइन है। उसमें समय की कैलकुलेशन किस तरह से की जा सकती है, यह सोचने का विषय है। ऐसे में ऑनलाइन होने वाले एग्जाम के रूल को ऑफलाइन होने वाले एग्जाम में कैसे अप्लाई किया जा सकता है? इसीलिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ असंतोष हो रहा है और कार्य प्रणाली पर भी शक हो रहा है।

डॉ माहेश्वरी का यह भी कहना है कि एनटीए के अनुसार उन्होंने 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेसिंग मार्क्स दिए हैं, लेकिन यह सही नहीं है। एक साथ इतने बच्चों की रैंक बढ़ जाने से साफ हो रहा है कि 1563 की जगह हजारों बच्चों को ग्रेसिंग मार्क्स मिले हैं। जबकि इसका तरीका होता है कि कोर्ट में पहले एफिडेविट पेश किया जाए। उसके बाद नोटिफिकेशन निकाला जाए और मार्क्स की कैलकुलेशन का भी फार्मूला सार्वजनिक किया जाए। डॉ माहेश्वरी ने एनटीए से सब कुछ क्लियर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को ग्रेसिंग अंक दिए गए हैं उनके संबंध में हम यह जानकारी चाह रहे हैं कि पहले उनके क्या अंक आ रहे थे, वर्तमान में क्या अंक हैं, यह सार्वजनिक करें।

टॉप कॉलेज सर्च कर रही थी, लेकिन अब मिलना ही मुश्किल 

हरियाणा से कोटा आकर कोचिंग कर रही छात्रा का कहना है कि तीसरे अटैम्प्ट में उसके 650 अंक आए हैं। लेकिन अब यह भी सुनिश्चित नहीं है कि एमबीबीएस के लिए उसे अच्छा कॉलेज मिल पाएगा या नहीं। अब उसको कॉलेज मिलने का चांस एक फीसदी से भी कम है। जबकि एग्जाम के बाद हम यह सोच रहे थे कि टॉप कॉलेज मिल रहा है। बीते साल जहां 650 अंक पर 6 हजार के आसपास रैंक बन रही थी, इस बार यह रैंक 30 हजार पार पहुंच गई है।

पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए, लेकिन NTA नहीं मान रहा 

प्रोटेस्ट के दौरान कुछ पेरेंट्स ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की गलत नीतियों के चलते विद्यार्थियों के साथ अन्याय हो रहा है। अचानक से इतनी ज्यादा रैंक बढ़ जाना संभव नहीं है। क्योंकि पेपर बीते साल से इतना भी आसान नहीं था। कुछ स्टूडेंट का यह भी कहना है कि पेपर लीक पहले हुआ था, पुलिस ने मुकदमे भी दर्ज किए हैं। इसके बावजूद भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले रही है और कार्रवाई भी नहीं कर रही है। यहाँ तक की पेपर लीक की बात तो मानने को भी एनटीए तैयार नहीं है।  

अनहोनी के बढ़ रहे हैं चांस 

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की इस गलती के चलते कोटा में कई बच्चे तनाव में हैं। जिन्हें संभालना बड़ी मुश्किल हो रहा है। हम पूरी तरह से इन बच्चों पर निगाह बनाए हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अनहोनी के चांस है। वहीं, अभिभावकों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो इसके लिए एनटीए पूरी तरह से जिम्मेवार होगा। डॉ बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि जिला कलेक्टर डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी से बातचीत हुई है। उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी तक यह पूरा मुद्दा पहुंचा दिया है। जिसके बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दो दिन का समय मांगा है, वे पूरी जांच पड़ताल इस प्रकरण में कर रहे हैं।


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