कौमी एकता की अनूठी मिसाल, 61 गरीब अनाथ बेटियों का हुआ विवाह


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-10 12:44:49



कौमी एकता की अनूठी मिसाल, 61 गरीब अनाथ बेटियों का हुआ विवाह

धौलपुर जिले के तीर्थराज मुचकुन्द नगरी में रविवार को कौमी एकता की अनूठी मिसाल उस वक्त देखने को मिली जब हिन्दू, मुस्लिम और सिक्ख समुदाय की गरीब अनाथ बेटियों के 61 जोड़े विवाह के बंधन में बंधे। ये ऐसे युवक-युवती थे जो गरीबी के चलते शादी नहीं कर पा रहे थे। इनमें 17 बेटियां ऐसी थी, जिनके माता-पिता नहीं हैं और 19 बेटियां ऐसी थी, जिनके भाई भी नहीं हैं।

जिले के प्रमुख समाजसेवी अनिल अग्रवाल द्वारा तीर्थराज मचकुंड सरोवर पर आयोजित इस विवाह सम्मलेन में ख़ास बात ये रही कि एक ही मंडप के नीचे सिक्ख, मुस्लिम और हिन्दू रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न कराए गए। विवाह सम्मेलन में 25 कन्याएं ऐसी थी, जो बेहद गरीब परिवार से हैं। परिणय सूत्र में बंधे जोड़ों में 46 हिंदू समाज के हैं, जो विभिन्न जातियों से हैं। आठ मुस्लिम समुदाय से हैं और सात सिक्ख समुदाय से हैं।

जिले में आयोजित विवाह समारोह में शामिल यह वो बेटियां हैं, जो अनाथ और डांग क्षेत्र की हैं, जिनमें करौली, मण्डरायल, श्योपुर, शिवपुरी, मासलपुर, करौली, धौलपुर, कैलादेवी सहित दर्जन भर जिलों के गांवों की बेटियां शामिल हैं। प्रमुख समाज सेवी अनिल अग्रवाल अब तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों की करीब 450 बेटियों का विवाह करा चुके हैं। इस बार उन्होंने 7वें विवाह सम्मेलन मे 61 जोड़ों की शादी कराई।

दान देकर बेटियों की विदाई  

उद्योगपति एवं समाजसेवी अनिल अग्रवाल ने सभी बेटियों को घर गृहस्थी का सामान दान में दिया है। घर परिवार को चलाने के लिए इलेक्ट्रिक उपकरण से लेकर बर्तन, कपड़े सभी बेटियों को दिए हैं। बेटियों को विदाई करते समय सभी की आंखें नम हो गई। विवाह सम्मेलन के आयोजक अनिल अग्रवाल विवाह करने तक ही सीमित नहीं रहते हैं। लोकाचार की जितने भी रस्म हिंदू मुस्लिम सिख इसाई धर्म में होती हैं, उन सभी को उनके द्वारा निभाया जाता है। रक्षाबंधन से लेकर होली दीपावली आदि त्योहार पर बहनों को तोहफे दिए जाते हैं। यहाँ तक की रोजगार तक की व्यवस्था इन बेटियों के लिए की जाती है।


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