मोदी जी की मौन स्वीकृति के यह शब्द कानों में गूंज रहे हैं। मैं नहीं, तुम्हारे आने वाला कल हारा हैं।
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-10 06:08:41
यूँ ही कोई मोदी नहीं कहलाता ?
मोदी जी तीसरी बार प्रधानमन्त्री बन गये है। उन्होंने आज राष्ट्रपति प्रधानमंत्री पद की शपथ ली उनके साथ३० केबिनेट मन्त्रियों ने भी शपथ ली। लेकिन इस बार सरकार वैशाखियों पर टिकी रहेगी। फिर भी यह हमारे लिए गौरव की बात हैं। कि एनडीए की सरकार बन गई। लेकिन चुनाव परिणामों पर सोशल मीडिया पर चले बाणो का हम यहाँ ज़रूर वर्णन करेंगे। । रामायण का अन्तिम क्षान ये हैं कि राम ने कितना भी कस्ठ सहकार प्रजा को संतुष्ट करना चाहा लेकिन प्रजा कभी संतुष्ट नहीं हुई। वही हाल आज भी हैं।मोदी जी ने भी लाख कोशिश कि प्रजा को सन्तुष्ट करे— राम मन्दिर बनवाया, काश्मीर में धारा ३७० हटाई, मुस्लिम औरतो को तीन तलाक़ से मुक्ति दिलाई, घूसख़ोरों- रिश्वत खोरों को जेल की हवा खिलवाई, करोड़ों देशवासियों को फ्री राशन दिया , देश का मान विदेशों में बढ़ाया। क्या कुछ नहीं किया। -१८–१८ घण्टे देश के लिए काम करने वाला व्यक्ति यूँ ही कोई मोदी नहीं बन जाता। लेकिन क्या करे? हज़ारो साल से हम हिंदू लोग अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारते आये हैं। इसमें नया कुछ भी नहीं। हम कभी नहीं सुधेरेगे। कल्याणसिंह को ढाँचा गिराने की सज़ा मिली- तो मोदी जी को राम मन्दिर बनाने की। धन्य है भारतवासी- जिस सरकार ने पूरी अयोध्या को चमका दिया , वही के लोगो ने उनको हरा दिया। राम मन्दिर हिंदुओ को तो नहीं जोड़ पाया, पर मुसलमानों को ज़रूर जोड़ गया। हम यह भूल गये कि यह वही अयोध्यावासी हैं जिन्होंने रामजी के बनवास आने के बाद सीता माता पर भी सन्देह किया था। वैसे बात जीत- हार की नहीं, बात तो यह हैं कि रामजी जहाँ विराजमान हैं वहाँ अयोध्या में कैसे हार गये? इसलिए कि हिन्दू अब तक नहीं जाग पाया है। हिन्दू मन्दिर की लाइन में लगता हैं। भण्डारे की लाइन में लगता हैं, क्रिकेट की लाइन में लगता हैं। स्टेशन पर रिज़र्वेशन की लाइन में लगता हैं। तीर्थयात्रियों की लाइन में लगता हैं- शराब की दुकानों पर लाइन में लगता हैं लेकिन वोट देने के लिए लाइन में नहीं लगता। यूपी- पश्चिमी बंगाल- महाराष्ट्र- तेलंगाना- राजस्थान जैसे राज्यो के मुसलमानों ने इण्डिया को खुलकर समर्थन दिया लेकिन हिन्दू भाई सौया रहा। जिस योगी ने यूपी को सुधार दिया जिसे यूपी का हीरो कहा गया- उसकी भी कद्र न जानी। धन्य है। मोदी जी की मौन स्वीकृति के यह शब्द कानों में गूंज रहे हैं। मैं नहीं, तुम्हारे आने वाला कल हारा हैं। फिर भी कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि आशा के विपरीत भी सरकार हमारी बनी हैं लेकिन उसे सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ा। फिर भी मोदी जी घबरायेंगे नहीं, रुकेगे नहीं और आगे बढ़ते जाएँगे। और अधिक जोश,निष्ठा और समर्पित भाव से जनसेवा करेंगे। महंगाई और बेरोज़गारी पर उनका फ़ोकस रहेगा-! अंत में यही कहूँगा कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता। जहाँ लोग सिर्फ़ अपने लिए जीते हो। देश से उन्हें कोई सरोकार न हो। वैसे भी जिन्होंने राम मन्दिर के निमंत्रण को ठुकरा दिया वो पीएम की शपथ समारोह का निमन्त्रण कैसे स्वीकार करेंगे ? ——— मनोहर चावला चिंतक, विचारक, सम्पादक (बीकानेर एक्सप्रेस)
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