AI ने पकड़ी स्कूलों की कारस्तानी, CBSE को स्कूलों की कार्यप्रणाली पर संदेह, अब होगी जांच
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-09 21:23:54
AI ने पकड़ी स्कूलों की कारस्तानी, CBSE को स्कूलों की कार्यप्रणाली पर संदेह, अब होगी जांच
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की प्रायोगिक परीक्षाओं की अंक आवंटन प्रक्रिया में एक बड़ी खामी उजागर की है। सीबीएसई से सम्बद्ध कई स्कूलों के विद्यार्थियों के थ्योरी-पेपर्स व प्रायोगिक-परीक्षाओं के अंकों में बहुत बड़ा अंतर सामने आया है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों के अध्ययन से पता चला है 500 से अधिक स्कूलों के 50 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों के प्रायोगिक परीक्षाओं में अंक विश्वसनीय नहीं हैं।
कारण यह है कि इन विद्यार्थियों के थ्योरी पेपर्स में अंक बहुत कम हैं, जबकि प्रायोगिक परीक्षा में इसकी तुलना में बहुत अधिक अंक हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से प्रायोगिक परीक्षाओं की अंक आवंटन प्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। सीबीएसई ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान समय में प्रायोगिक परीक्षाओं के आयोजन व इवेलुएशन-प्रोसेस को विश्वसनीयता प्रदान करने की आवश्यकता है। इस संबंध में बोर्ड ने संबंधित स्कूलों को एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
स्कूलों को हिदायत
CBSE द्वारा जारी एडवाइजरी में स्कूल-प्रशासन को प्रायोगिक परीक्षाओं के निष्पक्ष व पारदर्शी आयोजन की सलाह दी गई है। सीबीएसई ने 13 मई को ही 12वीं और दसवीं बोर्ड का परिणाम जारी किया है। इसके बाद ही सीबीएसई द्वारा पूरे रिजल्ट की कंप्यूटर से एनालिसिस किया गया। विश्लेषण में सामने आया है कि कई कैंडीडेट्स के अंकों में काफी अंतर है। इसके बाद बोर्ड द्वारा उन्होंने स्कूलों को हिदायत देते हुए लेटर जारी किया है। बताया जा रहा कि इस संबंध में CBSE आगे स्कूलों की जांच भी करवा रहा है।