नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल, लालू समेत 78 आरोपी; विशेष अदालत 6 जुलाई को लेगी संज्ञान


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-09 17:17:58



नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल, लालू समेत 78 आरोपी; विशेष अदालत 6 जुलाई को लेगी संज्ञान

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इसमें बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव समेत 78 अभियुक्तों के नाम शामिल हैं। विशेष अदालत 6 जुलाई को आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी। यह घोटाला तब हुआ था जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव यूपीए-एक की सरकार में रेल मंत्री थे।

राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष जज विशाल गोगने की अदालत में दाखिल अंतिम रिपोर्ट में उन सभी रेलवे जोन को शामिल किया गया है, जहां लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर कथित तौर पर जमीन लिए जाने के बदले में नौकरी दी गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों ने रेलवे अधिकारियों के साथ साजिश रची और अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम जमीन लेने के एवज में व्यक्तियों की भर्ती की। यह भूमि तत्कालीन सर्किल दर से कम कीमत पर और बाजार दर से भी बहुत कम कीमत पर हासिल की गई थी।

शुक्रवार को दायर आरोपपत्र में लालू प्रसाद के अलावा उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, बेटी हेमा यादव समेत 38 अभ्यर्थियों के नाम भी हैं। सीबीआई का मुख्य आरोप यह है कि 2004-2009 के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव को अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ। कथित तौर पर लालू यादव समेत आरोपियों पर अभ्यर्थियों से रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप डी पदों पर नियुक्ति के बदले जमीन लेने का आरोप है।

लालू परिवार के 5 सदस्यों को बनाया है आरोपी

लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव को अंतिम चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि इस मामले में अभियोजन चलाने के लिए अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। 31 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को अंतिम आरोपपत्र दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। इसके बाद सीबीआई ने यह आरोपपत्र दाखिल किया।

रिकॉर्ड के साथ ईडी के संयुक्त निदेशक तलब

विशेष जज विशाल गोगने ने इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त निदेशक को 6 जुलाई को इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड के साथ पेश होने और जांच की स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अधिक समय मांगने पर ईडी की भी खिंचाई की। ईडी के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और समय मांगा है।

मई में 17 ठिकानों पर मारे थे छापे

सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई के अनुसार, राजद नेता ने नौकरी के नाम पर 12 लोगों से 7 प्लॉट सस्ते में या बिना कुछ दिए हासिल कर लिए।

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला

लालू प्रसाद यूपीए की पहली सरकार में रेल मंत्री थी, तब रेलवे के ग्रुप डी में भर्तियां की गईं। आरोप है कि बिना विज्ञापन दिए भर्तियां की गईं। कई लोगों को आवेदन देने के तीन दिन के भीतर ही नौकरी दे दी गई। नौकरियों के बदले अभ्यर्थियों से घूस के रूप में जमीन ली गई। ईडी ने कहा है कि लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं हैं।

सीबीआई ने लालू, उनकी पत्नी, उनकी दो पुत्रियों, पुत्र और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों के खिलाफ 18 मई, 2022 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में अदालत ने 4 अक्टूबर, 2023 को तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को जमानत दी थी। कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 3 जुलाई 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। 7 अक्टूबर 2022 को लैंड फॉर जॉब  मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।


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