सत्रहवीं लोकसभा भंग होने के साथ ही महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के लिए लाया गया विधेयक हुआ समाप्त
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-06-09 15:41:35
सत्रहवीं लोकसभा भंग होने के साथ ही महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के लिए लाया गया विधेयक हुआ समाप्त
सत्रहवीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की उम्र में समानता लाने वाला विधेयक समाप्त हो गया। बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को लोकसभा में 2021 में पेश किया गया था। इसके बाद इस विधेयक को शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा गया था। इसे लेकर स्थायी समिति को समय-समय पर कई विस्तार प्राप्त हुए।
कानून और संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए पूर्व लोकसभा महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने कहा कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही यह विधेयक समाप्त हो गया। बता दें कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष करने के साथ बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन करना था।
2006 अधिनियम के तहत न्यूनतम आयु से कम में शादी करने वाला व्यक्ति व्यस्क होने के दो साल बाद विवाह रद्द करने के लिए आवेदन कर सकता है। बता दें कि आम चुनाव में 18वीं लोकसभा के सदस्यों के निर्वाचित होने के बाद ही 17वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया। जिसके साथ ही यह विधेयक भी समाप्त हो गया।
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा नीत एनडीए बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बना रही है। नतीजों के अनुसार, एनडीए ने 292 और इंडी गठबंधन ने 234 सीटें हासिल की हैं।