केजरीवाल का इंतजार बढ़ा, दिल्ली कोर्ट से नहीं मिली नियमित जमानत, सुनवाई 14 जून तक के लिए टली


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-08 08:00:19



केजरीवाल का इंतजार बढ़ा, दिल्ली कोर्ट से नहीं मिली नियमित जमानत, सुनवाई 14 जून तक के लिए टली

अदालत ने आबकारी मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका को 14 जून तक के लिए स्थगित कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) कावेरी बावेजा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कल तक के लिए स्थगन मांगा, क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर 182 पन्नों के जवाब को पढ़ने के लिए और समय चाहिए। उन्होंने दावा किया कि उन्हें आज जमानत की सुनवाई से कुछ क्षण पहले ही ईडी का जवाब दिया गया।

हरिहरन ने ट्रायल कोर्ट से मामले की सुनवाई कल करने का आग्रह करते हुए कहा अग्रिम प्रति का मतलब यह नहीं है कि आप इसे सुनवाई से आधे घंटे पहले मुझे दे दें। हालांकि, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने बताया कि कल की सुनवाई से ट्रायल कोर्ट की गर्मी की छुट्टियां शुरु हो रही है।

एएसजी ने तर्क दिया हमारे पास केवल अरविंद केजरीवाल का मामला नहीं है। हमारे पास बहुत सारे मामले हैं। हम पर बहुत अधिक बोझ है। यदि मामला अवकाश न्यायाधीश के समक्ष रखा जाता है तो मुझे अपनी छुट्टी कम करनी होगी। इस पर केजरीवाल के वकील ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हरिहरन ने कहा ऐसा नहीं हो सकता कि जमानत की स्थिति में अभियोजन पक्ष कहे कि मैं छुट्टी पर हूं, इसलिए जमानत मामले की सुनवाई नहीं हो सकती। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

एएसजी ने जवाब दिया कि वह ईडी के जवाब पर भरोसा किए बिना मामले पर बहस कर सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि आज प्रस्तुत ईडी के जवाब को रिकॉर्ड पर लेने की जरूरत नहीं है। हरिहरन ने फिर से जोर दिया कि ईडी अदालत की छुट्टियों का हवाला देकर जमानत की सुनवाई को लंबा नहीं खींच सकता या अवकाश पीठ के समक्ष सुनवाई का विरोध नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि विभाग बंद नहीं कर सकता। यह एक बेतुका प्रस्ताव है। मुझे दो सप्ताह तक जेल में रखा जाएगा, मुझे इस तरह से इंतजार क्यों कराया जाए?

अदालत ने आखिर मामले की सुनवाई 14 जून तय कर दी। अवकाश न्यायाधीश मुकेश कुमार अगली बार मामले की सुनवाई करेंगे। ईडी की ओर से आज विशेष वकील जोहेब हुसैन भी पेश हुए। केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वह 2021-22 के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति में जानबूझकर खामियाँ छोड़ने की साजिश का हिस्सा थे, ताकि कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुँचाया जा सके।

ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब विक्रेताओं से प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी अभियान के लिए किया गया था और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से धन शोधन के अपराध के लिए उत्तरदायी हैं। इसी मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आप नेताओं में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह (जमानत पर बाहर) शामिल हैं।

केजरीवाल 10 मई तक जेल में रहे, जब सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत द्वारा दी गई अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद वह 2 जून को जेल लौट आए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने चिकित्सा आधार पर सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। हालांकि, उस याचिका को न्यायाधीश बावेजा ने 5 जून को खारिज कर दिया था।


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