विश्व पर्यावरण दिवस - प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और दुरूपयोग को रोकना जरूरी


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-06-07 08:45:03



विश्व पर्यावरण दिवस - प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और दुरूपयोग को रोकना जरूरी 

पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं। इसमें हमारे चारों ओर के सभी जीवित और निर्जीव तत्व शामिल होते हैं, जैसे कि हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जानवर और अन्य जीव-जंतु। पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं।

हालांकि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।

5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है 

भारत समेत दुनियाभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर विभिन्न देश अलग अलग तरीके से पर्यावरण को लेकर अपने नागरिकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। पर्यावरण दिवस मनाने की नींव 1972 में पड़ी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला पर्यावरण दिवस मनाया है और हर साल इस दिन को मनाने का एलान किया।

दरअसल, पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 को मनाया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में सम्मेलन हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन को चिन्हित करते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर पर नामित कर लिया।

पर्यावरण दिवस का महत्व

भारत समेत पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

पर्यावरण दिवस की थीम 2024

प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की एक खास थीम होती है। पिछले साल यानी विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम Solutions to Plastic Pollution थी। यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित थी। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम Land Restoration, Desertification And Drought Resilience भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता के विकास पर केंद्रित है।

पर्यावरण संरक्षण क्यों जरूरी

पर्यावरण संरक्षण का अर्थ पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, उसकी रक्षा करना और उसे बनाए रखना है। अधिक जनसंख्या, जल साइंटिफिक इश्यूज, ओजोन डिप्लेशन, ग्लोबल वार्मिंग से लेकर वनों की कटाई, डिजर्टिफिकेशन और प्रदूषण तक, ये सब मानव जाति के लिए गंभीर खतरा हैं। इसलिए, पर्यावरण की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि पर्यावरणीय गिरावट अपरिवर्तनीय है जो सभी जानवरों, मनुष्यों और पौधों के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है। पर्यावरण का संरक्षण सतत जीवन जीने और पर्यावरण को व्यक्तियों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करता है।

पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व 

♦ पर्यावरण संरक्षण से वायु, जल और भूमि प्रदूषण कम होता है।

♦ जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण संरक्षण का बहुत महत्व है।

♦ सभी के सतत विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण महत्वपूर्ण है।

♦ हमारे ग्रह को ग्लोबल वार्मिंग जैसे हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण भी महत्वपूर्ण है।

पर्यावरण संरक्षण कैसे करें 

♦ यथासंभव सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें या पैदल चलें।

♦ प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक पेड़ लगाए और उसकी देखभाल करे।

♦ जल के दुरूपयोग को रोका जाए। 

♦ बिजली बचाएं और ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करें।

♦ सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतया प्रतिबंधित हो।

♦ अपने बच्चों को पर्यावरण के बारे में शिक्षित करें।

♦ अनावश्यक वनों की कटाई को रोका जाना चाहिए।

♦ अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए सबको प्रेरित किया जाए।

- अजय त्यागी


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