कोटा के अस्पतालों में 2 दिनों में पहुंचे 12 लावारिस शव, प्रशासन का गर्मी से मौत पर इनकार


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-05-28 17:45:19



कोटा के अस्पतालों में 2 दिनों में पहुंचे 12 लावारिस शव, प्रशासन का गर्मी से मौत पर इनकार

कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और नए अस्पताल में बीते दो दिनों में 12 अज्ञात शव पहुंचे हैं। इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि कोई भी मौत गर्मी या लू तापघात से नहीं हुई है। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने इस संबंध में कहा है कि एक भी मौत गर्मी से नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि 6 से 8 अज्ञात शव रोज पहुंच रहे हैं। गर्मी से एक भी मौत की पुष्टि चिकित्सकों ने नहीं की है। इसके लिए पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकता है। इन अनक्लेम बॉडी में से अधिकांश के परिजन बाद में आ जाते हैं। डॉ गोस्वामी का यह भी कहना है कि अधिकांश अज्ञात लोगों में बीमारी के चलते भी मौत होना सामने आता है। यह सब पोस्टमार्टम के बाद ही क्लियर हो पाएगा। इन सब को प्रोटोकॉल के तहत 48 घंटे रखना होता है, ताकि इनकी पहचान हो सके।

48.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच तापमान 

दूसरी तरफ कोटा में भीषण गर्मी का दौर जारी है। आज तापमान 48.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है, जबकि न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की सम्भावना है। यह रविवार को न्यूनतन तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस था। भीषण गर्मी के चलते सड़क पर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। लोग जरूरत पड़ने पर ही घर के बाहर निकल रहे हैं। बाजार भी दिनभर सुनसान दिखाई दिए।

अस्थाई रैन बसेरे शुरू करने की मांग 

कोटा शहर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने बेघर और लावारिस लोगों को लेकर चिंता जताई है। उनका एक प्रतिनिधिमंडल प्रशासनिक अधिकारियों से मिला है। उन्होंने कहा कि अस्थाई रैन बसेरे तुरंत शुरू होने चाहिए, शहर में यूआईटी और नगर निगम के कई सामुदायिक भवन हैं, जहां पर कूलर पंखे लगाकर ऐसे लोगों के रहने के लिए इंतजाम किया जा सकता है। जिससे भीषण गर्मी से वो बच सकें। शहर के फुटपाथों पर सोने वाले लोगों को भी इससे राहत मिल जाएगी।


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