भीषण गर्मी बनी जानलेवा - बूंदी में 10 मोरों की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने जताई चिंता
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-05-28 13:20:08
भीषण गर्मी बनी जानलेवा - बूंदी में 10 मोरों की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने जताई चिंता
देरी से प्राप्त ख़बर अनुसार बूंदी जिले में शनिवार को रामगढ़ विषधारी अभयारण्य क्षेत्र में महुआ गांव के निकट जंगल में देवजी के थान के पास 10 नर एवं मादा मोर मृत मिले। प्रथम दृष्टया चिकिसकों ने भीषण गर्मी एवं लू से मौत होना बताया है। जबकि वन्यजीव प्रेमियों ने इतनी बड़ी संख्या में मोरों की मौत एक साथ होने को संदिग्ध माना है। हालांकि, मोरों की मौत का क्या कारण रहा है, इसका तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा।
वन्यजीव प्रेमी श्रीराम मीना के अनुसार इतनी संख्या में किसी के द्वारा जहरीला दाना डालने और मोरों द्वारा चुग लेने से मौत का कारण प्रतीत होता है। इन्होंने वन विभाग को सजग रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि फॉरेंसिक लैब से जांच आने के बाद में मौत होने के कारणों का पता लगेगा। वहीं, वन्य प्रेमी राधेश्याम सैनी ने भी एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मोरों की मौत को चिंताजनक बताते हुए संदेह जताया है।
आरवीटीआर के उप क्षेत्र निदेशक (कोर) संजीव शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है। ऐसे में इनकी मौत जहरीले दाने या पेयजल की कमी से होना नजर नहीं आ रहा है। वन कार्मिकों द्वारा किए गए मौका मुआयना के दौरान मौके पर किसी भी प्रकार के दाने नहीं पाए गए हैं और जहां यह मोर मृत मिले हैं, वहां नजदीक में ही देवजी का थान है, जहां पीने का पानी उपलब्ध है। संजीव शर्मा ने बताया कि अभयारण्य क्षेत्र में वन्य जीवों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इस संदर्भ में सभी वन कार्मिकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि शनिवार को ग्रामीणों की सूचना पर गेण्डोली नाका प्रभारी सुरेश कुमार जाट ने मौके पर पहुंच कर 10 नर एवं मादा मोर के शव कब्जे में लेकर मौका मुआयना किया था। इन्द्रगढ़ रेंज प्रभारी दुर्गेश कुमार कहार ने बताया कि लाखेरी पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक डॉ. हरिमोहन के नेतृत्व में गठित मेडिकल बोर्ड ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है।