उफ् गे मिग जोन बना लाक्षा गृह, मृतकों की संख्या पहुंची 27, शिनाख्त के लिए डीएनए के नमूने लेने पड़े


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा  2024-05-27 07:54:21



  उफ्  गे मिग जोन बना लाक्षा गृह, मृतकों की संख्या पहुंची 27, शिनाख्त के लिए डीएनए के नमूने लेने पड़े 

गुजरात के राजकोट शहर में टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के कारण मृतकों की संख्या 27 पहुँच गई है जिनमे 12 बच्चे शामिल हैं। हादसे के बाद गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में ले लिया गया है। सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अब बताया जा रहा कि एसआईटी के सदस्यों ने आग लगने की घटना के सिलसिले में स्थानीय प्रशासन के साथ रविवार तड़के एक बैठक की। 

एक अधिकारी ने बताया कि शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि शवों और मृतकों के रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र कर लिए गए हैं ताकि मृतकों की पहचान की जा सके।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने बताया कि घटनास्थल से 27 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें शहर के सिविल अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल है और हमने शवों और उन पर दावा करने वाले रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना नहीं है।

सीएम ने अस्पताल का किया दौरा

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तरफ से आग की घटना पर नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य के निर्देश दिए गए थे। वहीं, आज सुबह उन्होंने गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी के साथ नाना-मावा रोड पर घटनास्थल का दौरा किया। साथ ही घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे।

मृतकों में 12 साल से कम उम्र के 12 बच्चे शामिल

बता दें कि शनिवार शाम राजकोट के टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से 12 साल से कम आयु के 12 बच्चों समेत कुल 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। राजकोट में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने बताया था कि 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शव पूरी तरह से जल चुके हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल है। एसीपी विनायक पटेल ने बताया था कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम 12 बच्चे शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक स्कूलों में छुट्टी होने के कारण टीआरपी गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मस्ती करने पहुंचे थे।

72 घंटे के भीतर सौंपे रिपोर्ट

इस हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया। उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया। इसके अलावा एसआईटी को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके लिए टीम शनिवार देर रात राजकोट पहुंची और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की।

गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी शनिवार देर रात राजकोट पहुंचे और बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से घटना की जानकारी मांगी है और दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

जांच तुरंत शुरू की जाएगी

एसआईटी के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने बैठक से पहले शनिवार रात पत्रकारों को बताया कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा कि जांच तुरंत शुरू की जाएगी ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि हम घटना के सभी पहलुओं की जांच करेंगे और उनकी विस्तृत जांच करेंगे। हम जान गंवाने वाले बच्चों को न्याय दिलाने के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे।


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