खिलवाड़: बीमारी दूर करने वाली गोली कर रही बीमार, 15 फीसदी दवाओं के नमूने फेल
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-05-26 13:01:08
खिलवाड़: बीमारी दूर करने वाली गोली कर रही बीमार, 15 फीसदी दवाओं के नमूने फेल
अगर आप हड्डियों को मजबूत करने के लिए विटामिन डी-3 की टैबलेट ले रहे हैं या बीमारी से जल्द निजात पाने के लिए एंटीबायोटिक खाते हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि बीमारी दूर करने वाली दवा ही आपको बीमार बना सकती है। हाल ही में हुई जांच में पंद्रह फीसदी दवाओं के नमूने फेल हुए हैं। इसमें एक एंटीबायोटिक दवा नकली पाई गई है। जबकि, हड्डी मजबूत करने वाली टैबलेट में विटामिन डी-3 की मात्रा आधी से भी कम मिली। साथ ही स्टेरॉयड में भी तत्व कम मिले। यूपी के झांसी में अब औषधि प्रशासन विभाग ने दवा निर्माता कंपनियों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
औषधि प्रशासन विभाग ने जनवरी 2024 से मई तक अलग-अलग मेडिकल स्टोर से 30 दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजे थे। यहां जांच के दौरान 15 फीसदी दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं। प्रभारी सहायक आयुक्त औषधि मुकेश पालीवाल ने बताया कि हड्डियों की मजबूती के लिए दी जाने वाली टैबलेट पर विटामिन डी-3 की मात्रा 100 मिलीग्राम लिखी थी, लेकिन जांच में यह 43.80 मिलीग्राम ही मिली।
इसी तरह, एक एंटीबायोटिक में एनहाइड्रस सेफिक्सिम की मात्रा 200 मिलीग्राम लिखी हुई थी, मगर यह 169.39 मिलीग्राम ही पाई गई। एक और एंटीबायोटिक दवा का नमूना जांच में फेल हुआ है। इसमें क्लैवुलैनिक एसिड की मात्रा 100 से 125 मिलीग्राम की जगह महज 8.41 मिलीग्राम ही मिली है। इन तीनों दवाओं की निर्माण इकाई हिमाचल प्रदेश के सोलन में है। वहीं, उज्जैन में बनने वाली स्टेरॉयड टैबलेट में बीटामेथासोन सोडियम फॉस्फेट की मात्रा 57.50 मिलीग्राम मिली है। जबकि, यह 90 से 100 मिलीग्राम होनी चाहिए। ये टैबलेट मरीज की बीमारी ठीक करने के लिए दी जा रहीं दवाओं का असर जल्द शुरू करने के लिए दी जाती है। वहीं, रंग चितकबरा मिलने पर दर्द निवारक जेनरिक दवा एसिक्लोफेनिक 100 मिलीग्राम भी फेल हुई है। हालांकि, इसमें एसिक्लोफेनिक की मात्रा ठीक पाई गई है।
ये है घटिया और नकली दवा का मानक
प्रभारी सहायक आयुक्त औषधि मुकेश पालीवाल ने बताया कि जब किसी दवा में तत्वों की मात्रा 80 से 50 फीसदी के बीच मिलती है तो उसे अधोमानक यानी घटिया माना जाता है। वहीं, किसी दवा में तत्वों की मात्रा शून्य से 20 फीसदी मिलती है तो उसे नकली माना जाता है।