राजस्थान की सरहद पर फिर मिला ड्रोन: जांच में जुटी पुलिस और बीएसएफ
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-18 06:50:03

भारत-पाकिस्तान की संवेदनशील सीमा पर एक अज्ञात वस्तु का मिलना हमेशा ही चिंता का विषय रहा है। हाल ही में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के 12ए-अनूपगढ़ इलाके में, जो कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, एक ड्रोन बरामद हुआ है। इस संदिग्ध हवाई यान के मिलने से स्थानीय लोगों में कौतूहल और आशंका का माहौल है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच में जुट गई हैं।
स्थानीय लोगों की सतर्कता और पुलिस को सूचना:
अनूपगढ़ के 12ए इलाके में जब स्थानीय लोगों ने एक अज्ञात ड्रोन को देखा, तो उन्होंने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दी। नागरिकों की इस जिम्मेदारीपूर्ण कार्रवाई से समय पर सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिल सकी और संभावित खतरे को टाला जा सका।
पुलिस और बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई:
सूचना मिलते ही अनूपगढ़ पुलिस और बीएसएफ के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने इलाके को घेर लिया और बरामद ड्रोन की जांच शुरू कर दी। सुरक्षाकर्मी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह ड्रोन कहां से आया, इसका उद्देश्य क्या था और क्या यह किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल था।
ड्रोन की प्रकृति और संभावित उद्देश्य:
बरामद ड्रोन की तकनीकी विशेषताओं और बनावट की गहन जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि यह किस प्रकार का ड्रोन है, क्या यह निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था या इसका कोई और उद्देश्य था। सीमा के इतने करीब ड्रोन का मिलना कई सवाल खड़े करता है, जिसमें घुसपैठ की कोशिश या किसी अन्य अवैध गतिविधि की संभावना भी शामिल है।
सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त जांच:
इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए, अनूपगढ़ पुलिस और बीएसएफ के अधिकारी संयुक्त रूप से जांच कर रहे हैं। वे स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रहे हैं ताकि ड्रोन के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी मिल सके। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास ड्रोन का मिलना निश्चित रूप से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती है। हालांकि स्थानीय लोगों की सतर्कता और पुलिस-बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई से एक संभावित खतरे को समय पर पहचान लिया गया है, लेकिन इस घटना ने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। जांच के नतीजे आने के बाद ही इस रहस्यमय ड्रोन के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे।