दिल्ली तपिश में, पहाड़ भीगे: भारत के बदलते मौसम का विस्तृत विश्लेषण


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-15 17:29:10



 

देश के मौसम में इन दिनों एक दिलचस्प और अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाके सूरज की तेज तपिश से झुलस रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे उत्तर-पश्चिमी पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कुदरत का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। यहाँ आंधी-तूफान और बिजली की गरज के साथ मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है, जिसने मौसम को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है। इस बदलते मौसम के बीच, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अपने सामान्य समय से पहले ही दस्तक दे दी है, जो देश के मौसम के समीकरणों को और भी दिलचस्प बना रहा है।

दिल्ली-एनसीआर में गर्मी का प्रकोप जारी

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए गर्मी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, लेकिन इसके बावजूद सतही हवाएं लगातार चलेंगी, जिनकी गति 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और यह कभी-कभी 35 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी बढ़ सकती है। हालांकि, थोड़ी राहत की उम्मीद है क्योंकि मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 14 और 15 मई को पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार रहने के बाद, 16 मई को दिल्ली में बारिश हो सकती है। इस दौरान आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है, जो गरज के साथ अस्थायी रूप से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।

उत्तर-पश्चिम भारत में तूफानी बारिश का कहर

दूसरी ओर, उत्तर-पश्चिम भारत के पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश इन दिनों अलग तरह के मौसम का सामना कर रहे हैं। यहाँ पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसके कारण निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं हो रही हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 14 मई को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में और 16-17 मई को हिमाचल प्रदेश में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इतना ही नहीं, इन राज्यों में गरज और बिजली के साथ छिटपुट से मध्यम स्तर की वर्षा होने की भी संभावना है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

कब और कहां होगा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर

आईएमडी के मुताबिक, पंजाब के ऊपर निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिम विक्षोभ सक्रिय है। उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के ऊपर दो अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है। बिहार, झारखंड और असम में भी मौसम संबंधी कुछ ऐसी प्रणालियां बनी हुई हैं। इनके प्रभाव से 14 मई को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तो 16-17 मई को हिमाचल प्रदेश में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इतना ही नहीं इन राज्यों में गरज व बिजली के साथ छिटपुट से मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।

देश के अन्य हिस्सों में भी मौसम में बदलाव

सिर्फ उत्तर-पश्चिम ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बिहार, झारखंड और असम में भी मौसम संबंधी प्रणालियां सक्रिय हैं, जिनके प्रभाव से इन राज्यों में भी बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं। कोंकण और गोवा में 14 मई को, जबकि मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 14 से 16 मई के दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जो बढ़कर 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। इसके अतिरिक्त, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में मंगलवार को 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा में भी तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

पूर्वोत्तर में मूसलाधार बारिश की चेतावनी

पूर्वोत्तर भारत में मौसम और भी अधिक गंभीर रूप ले सकता है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में 16 मई तक और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 15 मई तक गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ व्यापक रूप से भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। यह मूसलाधार बारिश इन राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं का कारण बन सकती है, इसलिए स्थानीय प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

उत्तर और पूर्वी भारत में लू का खतरा

जहां एक तरफ देश के कुछ हिस्से बारिश और तूफान से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर और पूर्वी भारत में भीषण गर्मी और लू का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, 14 से 18 मई के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, 14 व 15 मई को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और 15 मई को गंगा के तटीय इलाकों, 14-15 मई के दौरान झारखंड में भीषण गर्मी पड़ने और लू चलने की संभावना है। इसके अलावा, 16 मई तक बिहार में गर्म और आर्द्र मौसम बना रहेगा, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो सकती है।

समय से पहले मानसून की दस्तक

इस बीच, देश के लिए एक महत्वपूर्ण खबर यह है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस बार समय से पहले ही दस्तक दे दी है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वर्तमान गति और दिशा को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 27 मई तक केरल पहुंच सकता है, जबकि सामान्य तौर पर इसकी शुरुआत 1 जून को होती है। पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश इसी का परिणाम है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से और अंडमान सागर में तेज पश्चिमी हवाओं का दबदबा है, जो समुद्र तल से 1.5 से लेकर 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय हैं। इन हवाओं की गति 20 मील प्रति घंटे से अधिक मापी गई है। इसके साथ ही क्षेत्र में आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) में कमी देखी गई है, जो मानसून की सक्रियता का एक महत्वपूर्ण संकेत है। इस अप्रत्याशित बदलाव ने देश के कृषि और जल संसाधनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की संभावना है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।


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