आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता: भारत-अमेरिका की बढ़ती साझेदारी और संयुक्त राष्ट्र का कड़ा संदेश
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-14 08:48:49

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों से लेकर आतंकवाद के काले सायों तक, हाल के घटनाक्रमों ने भू-राजनीतिक परिदृश्य को गरमा दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का रुख स्पष्ट किया है, जिनमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले से लेकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की भूमिका शामिल है। उनके वक्तव्यों ने न केवल इन घटनाओं की गंभीरता को रेखांकित किया है, बल्कि भारत की दृढ़ नीति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी सक्रिय भूमिका को भी दर्शाया है। आइए, इन महत्वपूर्ण बयानों और उनके निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
पहलगाम हमला और आतंकी संगठन टीआरएफ का पर्दाफाश
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार ने इस संबंध में कई दौर की ब्रीफिंग की है। इन ब्रीफिंग में, हमले के अपराधियों —विशेष रूप से द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)—के साथ देखे गए संबंधों के प्रकार को भी साझा किया गया है। विदेश सचिव ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से उन सबूतों को रेखांकित किया है जो भारत के पास हैं और उल्लेख किया कि जांच अभी जारी है। जायसवाल ने यह भी बताया कि टीआरएफ ने शुरू में दो बार, लगातार दो दिनों तक, इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में, संभवतः अपने आकाओं के कहने पर, उन्होंने इससे इनकार कर दिया। यह घटना सीमा पार आतंकवाद और उसमें शामिल आतंकी संगठनों के नापाक मंसूबों को उजागर करती है।
टीआरएफ के विषय में आगे बोलते हुए जायसवाल ने कहा, "टीआरएफ एक ऐसा संगठन है जो लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के रूप में काम करता है। आपको पता होगा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति के तहत इसे सूचीबद्ध करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि दो घंटे पहले क्या साझा किया गया था, लेकिन हम इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में आपको निश्चित रूप से अपडेट रखेंगे।"
बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध और भारत की लोकतांत्रिक चिंताएं
बांग्लादेश में बिना उचित प्रक्रिया के अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, रणधीर जायसवाल ने इसे एक चिंताजनक विकास बताया। उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र के रूप में, भारत स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के curtailment और राजनीतिक स्थान के shrinking को लेकर चिंतित है। भारत ने बांग्लादेश में जल्द, स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने के लिए अपना पुरजोर समर्थन व्यक्त किया। भारत का यह रुख पड़ोसी देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रक्रियाओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वैश्विक समुदाय का भारत के प्रति समर्थन और आतंकवाद का केंद्र
रणधीर जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में यह व्यापक समझ है कि पहलगाम में भारतीय पर्यटक आतंकवाद का शिकार हुए थे, और आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान में सीमा पार स्थित है। उन्होंने बताया कि कई विदेशी नेताओं, जिन्होंने भारत से बात की, ने यह विचार व्यक्त किया कि भारत को अपनी रक्षा करने और अपने लोगों की सुरक्षा करने का अधिकार है। यह वैश्विक समुदाय के उस बढ़ते समर्थन को दर्शाता है जो भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिल रहा है और आतंकवाद के स्रोत के बारे में उनकी स्पष्ट समझ को भी उजागर करता है।
आतंकवाद पर भारत की 'शून्य सहिष्णुता' की नीति
आतंकवादी कृत्यों के संबंध में भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए, जायसवाल ने कहा कि नेतृत्व स्तर पर यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सीमा पार आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है। भारत का रुख 'शून्य सहिष्णुता' का बना हुआ है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, भारत मजबूती और निर्णायक रूप से जवाब देगा। यह बयान आतंकवाद के प्रति भारत के कठोर और अटूट रवैये को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि भारत अपनी सुरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कड़ा निंदा प्रस्ताव और भारत-अमेरिका साझेदारी
रणधीर जायसवाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जारी किए गए बयान का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और दस गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं, और इसने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक बहुत मजबूत बयान जारी किया है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है। जायसवाल ने सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ती और गहरी होती साझेदारी पर भी प्रकाश डाला। यूएनएससी का यह कड़ा निंदा प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता और भारत के साथ उनके समर्थन को दर्शाता है। भारत और अमेरिका की मजबूत होती साझेदारी इस वैश्विक चुनौती का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बहरहाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हालिया बयान कई महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों पर भारत के स्पष्ट और दृढ़ रुख को दर्शाते हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अपराधियों को बेनकाब करने से लेकर बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति चिंता व्यक्त करने और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की सक्रिय भूमिका को उजागर करने तक, उनके वक्तव्यों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक मजबूत संदेश दिया है। भारत न केवल सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दृढ़ है, बल्कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी महत्व देता है। वैश्विक समुदाय का भारत के प्रति बढ़ता समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता इस लड़ाई में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है।