सोशल मीडिया के जरिए सेना में नौकरी का झांसा, पुलिस ने शुरू की जांच
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-13 18:47:15

पंजाब के फिरोजपुर में सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे कई युवाओं के साथ एक बड़ा धोखा हुआ है। सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई गई एक फर्जी सेना भर्ती की सूचना के जाल में फंसकर बड़ी संख्या में युवक सरगाही गुरुद्वारा पहुँच गए, लेकिन वहां कोई भी सेना अधिकारी या भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा व्यक्ति नहीं आया। जब युवाओं को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने निराशा और गुस्से का इजहार किया। इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने इस धोखाधड़ी की तह तक जाने और दोषियों को पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घटना सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी खबरों और धोखाधड़ी से बचने की आवश्यकता पर जोर देती है। आइए, इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी लेते हैं।
सोशल मीडिया पर फैला फर्जी भर्ती का जाल
फिरोजपुर में कुछ अज्ञात ठगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सेना में भर्ती के लिए एक झूठी सूचना फैलाई। इस फर्जी विज्ञापन में भर्ती की तारीख, स्थान और प्रक्रिया से संबंधित गलत जानकारी दी गई थी। सेना में शामिल होने का सपना देख रहे कई बेरोजगार और उत्साही युवा इस झूठे झांसे में आ गए और बताए गए स्थान पर पहुँच गए।
सरगाही गुरुद्वारा पर युवाओं का जमावड़ा और निराशा
फर्जी भर्ती विज्ञापन में बताए गए अनुसार, बड़ी संख्या में युवक फिरोजपुर के सरगाही गुरुद्वारा पर एकत्रित हुए। वे सेना के अधिकारियों और भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार करते रहे, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी वहां नहीं पहुँचा। धीरे-धीरे युवाओं को यह एहसास होने लगा कि वे किसी धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। उनकी उम्मीदें टूट गईं और उनमें निराशा और गुस्सा फैल गया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और जांच के आदेश
इस घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय प्रशासन तक पहुँची, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। डीएसपी फतेह बरार ने तत्काल इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, फिरोजपुर के उपायुक्त ने भी इस पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जी भर्ती घोटाले के पीछे कौन लोग हैं और उनका मकसद क्या था।
पुलिस की व्यापक जांच और दोषियों की तलाश
डीएसपी फतेह बरार के नेतृत्व में पुलिस की एक विशेष टीम इस फर्जी भर्ती घोटाले की जांच कर रही है। पुलिस सोशल मीडिया पर फैलाई गई फर्जी सूचना के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है और उन लोगों की पहचान करने में जुटी है जिन्होंने युवाओं को गुमराह किया। पुलिस साइबर क्राइम टीम की भी मदद ले रही है ताकि इस ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीछे के अपराधियों को पकड़ा जा सके।
युवाओं से अपील और सावधानी बरतने की सलाह
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने युवाओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर आने वाली किसी भी भर्ती सूचना पर आँख मूंदकर विश्वास न करें। सेना या किसी भी सरकारी नौकरी की भर्ती की आधिकारिक जानकारी संबंधित विभाग की वेबसाइट या आधिकारिक अधिसूचनाओं के माध्यम से ही प्राप्त करें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या स्रोत द्वारा दी गई जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य कर लें।
यह घटना युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों के प्रति सतर्क रहने की सीख देती है। प्रशासन इस मामले में दोषियों को पकड़कर कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।