NH44 संकट: रामबन में धंसी सड़क, कश्मीर घाटी का संपर्क टूटा


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-13 15:30:01



 

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44), जो कश्मीर घाटी की जीवनरेखा माना जाता है, एक बार फिर अवरुद्ध हो गया है। इस बार कारण कोई भूस्खलन या भारी बर्फबारी नहीं, बल्कि रामबन जिले के मरोड़ क्षेत्र के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस जाना है। क्या यह घटना प्रकृति के अप्रत्याशित प्रकोप का नतीजा है, या फिर हिमालय की नाजुक पहाड़ियों पर अनियंत्रित विकास का परिणाम?

यातायात पूर्णतः बाधित: यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

रामबन जिले के मरोड़ के पास NH44 का एक हिस्सा धंसने के कारण जम्मू और श्रीनगर के बीच यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, रविवार रात लगभग 9:15 बजे यह घटना हुई, जिसके बाद सुरक्षा कारणों से राजमार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। इस अचानक व्यवधान के कारण सैकड़ों यात्री, जिनमें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले ट्रक चालक भी शामिल हैं, राजमार्ग पर फंस गए हैं, जिससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

भूवैज्ञानिक कारण: कमजोर चट्टानें और जल भराव

स्थानीय भूवैज्ञानिकों के अनुसार, रामबन क्षेत्र की चट्टानें अपेक्षाकृत कमजोर हैं और लगातार बारिश के कारण मिट्टी का कटाव और जल भराव जैसी समस्याएँ आम हैं। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी और भी कमजोर हो गई होगी, जिसके कारण सड़क का यह हिस्सा धंस गया। विशेषज्ञों का मानना है कि राजमार्ग के निर्माण के दौरान अपनाई गई तकनीकें भी कई बार इन नाजुक पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं, जिससे इस प्रकार की घटनाएँ होने का खतरा बना रहता है।

मरम्मत कार्य जारी: कब तक सुधरेगी स्थिति?

राजमार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। भारी मशीनरी और कर्मचारियों को मौके पर तैनात किया गया है ताकि धंसे हुए हिस्से को ठीक किया जा सके और यातायात को फिर से शुरू किया जा सके। हालांकि, पहाड़ी क्षेत्र की चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और लगातार हो रही बारिश के कारण मरम्मत कार्य में समय लगने की संभावना है। अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे राजमार्ग खुलने तक अपनी यात्रा स्थगित कर दें और यातायात नियंत्रण कक्ष से नवीनतम जानकारी प्राप्त करते रहें।

वैकल्पिक मार्गों का उपयोग: सीमित राहत

यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए यातायात विभाग ने हल्के वाहनों के लिए कुछ वैकल्पिक मार्गों को खोलने पर विचार कर रहा है। हालांकि, ये मार्ग संकरे और घुमावदार होने के कारण भारी वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसके अलावा, इन वैकल्पिक मार्गों पर भी भूस्खलन और पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

सबक और भविष्य की योजनाएं

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बार-बार होने वाली इस प्रकार की घटनाओं ने इस महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग की स्थिरता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह आवश्यक हो गया है कि सरकार और संबंधित एजेंसियां इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए व्यापक योजना बनाएं। इसमें उन्नत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, टिकाऊ निर्माण तकनीकों का उपयोग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए राजमार्ग का निर्माण और रखरखाव शामिल होना चाहिए। इस राजमार्ग पर सुरक्षित और निर्बाध यातायात सुनिश्चित करना न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।


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