छह फेरों का बंधन, सातवें पर इनकार: एक फोन कॉल और दूल्हा पक्ष बन गया बंधक


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-12 16:16:59



 

राजस्थान के करौली जिले के नादौती उपखंड के एक गांव में शनिवार रात एक ऐसी घटना घटी जिसने विवाह की पवित्र रस्म को बंधक और हंगामे में बदल दिया। दूल्हा और दुल्हन ने खुशी-खुशी छह फेरे पूरे कर लिए थे, लेकिन जैसे ही सातवें फेरे की बारी आई, दूल्हे ने अचानक शादी से इनकार कर दिया। इस अप्रत्याशित घटना से मंडप में तनाव और हंगामा फैल गया, जिसके बाद दुल्हन पक्ष के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने दूल्हे सहित उसके परिजनों को बंधक बना लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नादौती थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और हालात पर नजर बनाए हुए है।

सातवें फेरे से इनकार और बंधक की स्थिति

नादौती के थानाधिकारी वीर सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस मौके पर मौजूद है और आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि 10 मई को युवक की शादी थी और सभी रस्में सामान्य रूप से चल रही थीं। फेरों की रस्म के दौरान दूल्हा और दुल्हन ने खुशीपूर्वक छह फेरे लिए। लेकिन, सातवें फेरे से ठीक पहले, दूल्हे ने किसी अज्ञात कारण से फेरे पूरे करने से इनकार कर दिया। दुल्हन पक्ष ने दूल्हे को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने अपनी बात पर अडिग रहा। इससे दुल्हन पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने दूल्हे, उसके पिता और कुछ अन्य परिजनों को बंधक बना लिया।

सामाजिक हस्तक्षेप और पंचायत का दबाव

जैसे ही इस असामान्य घटना की खबर समाज के लोगों तक पहुंची, वे बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए और मामले को सुलझाने के प्रयास शुरू कर दिए। जानकारी के अनुसार, दुल्हन के घर पर एक पंचायत बुलाई गई, जिसमें दूल्हे पक्ष पर दुल्हन पक्ष द्वारा शादी की तैयारियों में खर्च किए गए 56 लाख रुपये लौटाने पर सहमति बनाने की बात सामने आई है। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पुलिस की निष्क्रियता और स्थानीय परंपरा

नादौती थाना पुलिस का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंच गए थे और उन्होंने दूल्हा पक्ष और दुल्हन पक्ष दोनों से बातचीत करने की कोशिश की। लेकिन, दोनों पक्षों ने पुलिस कार्रवाई से साफ इनकार कर दिया और मामले में किसी भी तरह के पुलिस हस्तक्षेप का विरोध किया। चूंकि यह इलाका ग्रामीण पृष्ठभूमि का है, इसलिए यहां अक्सर स्थानीय पंच-पटेलों के फरमान ही चलते हैं। इसी कारण, पंच-पटेलों द्वारा दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। कानून और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नादौती थाना अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद है, लेकिन वे किसी भी सीधी कार्रवाई से बच रहे हैं जब तक कि दोनों पक्ष स्वयं इसकी मांग न करें।

विवाद का कारण: एक रहस्यमय फोन कॉल

ग्रामीणों के अनुसार, इस अप्रत्याशित घटना का कारण दूल्हे के मोबाइल पर आया एक फोन कॉल था। बताया जा रहा है कि जब दूल्हा और दुल्हन फेरे ले रहे थे, तभी दूल्हे के फोन पर एक लड़की का कॉल आया, जिसके बाद दूल्हे ने अचानक शादी से पीछे हटने का फैसला कर लिया। इस फोन कॉल के बारे में अधिक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन इसने निश्चित रूप से मंडप में एक अप्रत्याशित और दुखद मोड़ ला दिया। दूल्हे के इस इनकार से दुल्हन पक्ष बुरी तरह से आहत हुआ और उन्होंने गुस्से में दूल्हे और उसके परिजनों को बंधक बना लिया।

यह घटना करौली के एक गांव में रिश्तों की जटिलता और सामाजिक दबाव की एक अजीब तस्वीर पेश करती है। जहां एक तरफ विवाह जैसे पवित्र बंधन को एक फोन कॉल ने तार-तार कर दिया, वहीं दूसरी तरफ कानून और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद स्थानीय परंपराओं और सामाजिक मध्यस्थता को प्राथमिकता दी जा रही है। फिलहाल, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पंचायत इस जटिल मामले का क्या समाधान निकालती है और बंधक बने बारातियों को कब रिहाई मिलती है।


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