भारत पर और हमले की साजिश! खुफिया एजेंसियों का अलर्ट, पाकिस्तान का नापाक चेहरा उजागर


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-08 14:43:48



 

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान पर सीधा और कड़ा प्रहार किया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस हमले से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस कायराना हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में तेजी से बढ़ रहे पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था। मिस्री ने पीड़ितों के परिवारों को दी गई धमकियों और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह की जिम्मेदारी लेने की भी जानकारी दी।

पीड़ित परिवारों को धमकाया गया

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि आतंकवादियों ने पहलगाम हमले के बाद पीड़ित परिवारों को धमकाया और उन्हें उस बर्बरता का संदेश फैलाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन एक बार फिर से फलफूल रहा था, और यही कारण है कि इस हमले का मुख्य लक्ष्य इस सकारात्मक माहौल को बिगाड़ना और पर्यटन उद्योग को क्षति पहुंचाना था। आतंकियों का मकसद डर का माहौल पैदा करना था ताकि पर्यटक घाटी का रुख न करें।

लश्कर का नया मुखौटा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट'

मिस्री ने आगे खुलासा करते हुए बताया कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह समूह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। इस हमले में पाकिस्तान के तार सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, जिसके पुख्ता सबूत भारतीय एजेंसियों के पास मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को प्रशिक्षण, हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, जिसका इस्तेमाल भारत में अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है।

पाकिस्तान का दबाव और नापाक मंसूबे

विदेश सचिव ने 25 अप्रैल की घटना का भी जिक्र किया, जब पाकिस्तान ने मीडिया विज्ञप्ति से ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के संदर्भ को हटाने के लिए दबाव डाला था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह दबाव उसके नापाक मंसूबों और आतंकवादी संगठनों के साथ उसके गहरे संबंधों को उजागर करता है। पहलगाम आतंकवादी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवादियों के साथ गठजोड़ को दुनिया के सामने ला दिया है।

खुफिया अलर्ट और आगे की रणनीति

विक्रम मिस्री ने यह भी बताया कि भारतीय खुफिया एजेंसियां लगातार आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और उन्होंने संकेत दिया है कि भारत पर और भी हमले हो सकते हैं। इसी आशंका को देखते हुए, यह महसूस किया गया कि इन हमलों को रोकना और उनसे निपटना दोनों ही अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह नहीं बताया कि भारत इन संभावित हमलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगा, लेकिन उनके बयान से स्पष्ट है कि सरकार इस खतरे को गंभीरता से ले रही है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की अपील

विदेश सचिव ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने के लिए दबाव डालें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और सभी देशों को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। पाकिस्तान को अपनी धरती से आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करना बंद करना होगा। भारत इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठाता रहा है और आगे भी उठाता रहेगा।

विक्रम मिस्री के इन खुलासों ने पहलगाम हमले की साजिश और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है। भारत अब इस मामले में क्या कदम उठाता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।


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