सरकारी वकील ने मांगा समय! शमी के परिवार को मनरेगा में दिखाने वाले सचिवों पर फैसला आज
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-08 05:34:06

अमरोहा: क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को मनरेगा मजदूर दर्शाने के मामले में फंसे पंचायत सचिवों की याचिका पर आज यानी मंगलवार को हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी। बीते 30 अप्रैल को सरकारी अधिवक्ता ने इस मामले में अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय मांगा था, जिसके बाद आज इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
शमी के ससुराल में मनरेगा का फर्जीवाड़ा
क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना का विवाह जोया ब्लॉक क्षेत्र के पलौला गांव में हुआ है। उनकी सास गुले आयशा इसी गांव की ग्राम प्रधान हैं। यह मामला तब सामने आया जब शमी की बहन शबीना, उनके बहनोई गजनबी और परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को मनरेगा के तहत मजदूर के रूप में दर्शाया गया, जबकि वास्तव में वे मजदूर नहीं थे। इस खुलासे ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों को चौंका दिया था।
डीएम के निर्देश पर दर्ज हुई एफआईआर
इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर तीन मार्च की शाम को जोया ब्लॉक के बीडीओ लोकचंद ने तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी पृथ्वी सिंह, अंजुम, हुमा परवीन, तत्कालीन लेखाकार विजेंद्र सिंह, तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर मनरेगा शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेश, तत्कालीन एपीओ बृजभान सिंह और सेवानिवृत्त ग्राम रोजगार सेवक झम्मन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। जिलाधिकारी ने इन सभी आरोपी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया था।
सचिवों ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार
एफआईआर दर्ज होने के बाद तत्कालीन पंचायत सचिव हुमा परवीन, अंजुम और पृथ्वी सिंह ने अपनी गिरफ्तारी से बचने और एफआईआर को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी। इन सचिवों की ओर से अधिवक्ता इफ्तेखार सैफी पैरवी कर रहे हैं। अधिवक्ता सैफी ने बताया कि उनकी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने छह मई यानी आज की तारीख निश्चित की है। इस सुनवाई में यह तय होगा कि इन पंचायत सचिवों के खिलाफ दर्ज एफआईआर सही है या उन्हें राहत मिलेगी। इस मामले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह न केवल एक क्रिकेटर के परिवार से जुड़ा है, बल्कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के एक गंभीर पहलू को भी उजागर करता है।