तमिलनाडु में ज़हरीला तालाब! मेडिकल कचरे से भरी झील, खतरे में जिंदगियां


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-08 03:31:35



 

कृष्णागिरि: तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां माथुर झील में भारी मात्रा में मेडिकल कचरा डंप कर दिया गया है। इस कचरे में इस्तेमाल किए गए बैंडेज, सिरिंज और कांच की बोतलें शामिल हैं, जो पशुधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। इस लापरवाही के लिए अधिकारियों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं निजी अस्पतालों पर भी अनुचित तरीके से कचरा निस्तारण करने के गंभीर आरोप लगे हैं।

झील बनी मेडिकल कचरे का अड्डा

माथुर झील, जो कभी अपनी स्वच्छता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती थी, अब मेडिकल कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ समय से झील के किनारे और पानी में बड़ी मात्रा में मेडिकल वेस्ट देखा जा रहा है। यह कचरा न केवल झील के पानी को दूषित कर रहा है, बल्कि आसपास के वातावरण को भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

पशुधन और स्वास्थ्य पर खतरा

झील में डंप किए गए मेडिकल कचरे से सबसे बड़ा खतरा पशुधन और आम लोगों के स्वास्थ्य को है। झील का पानी पीने वाले जानवर बीमार पड़ सकते हैं और दूषित पानी के संपर्क में आने से लोगों में भी संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस्तेमाल की गई सिरिंजें और कांच की बोतलें झील के किनारे खेलने वाले बच्चों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं।

अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप

इस गंभीर स्थिति के लिए स्थानीय अधिकारियों को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि अधिकारियों ने झील में कचरा डंप किए जाने की घटनाओं पर समय रहते ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण स्थिति इतनी बिगड़ गई है। वहीं, निजी अस्पतालों पर भी गैर-जिम्मेदाराना तरीके से मेडिकल कचरा निस्तारित करने का आरोप है। माना जा रहा है कि अस्पतालों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर झील के आसपास कचरा फेंका जा रहा है।

जांच की मांग तेज

स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि इतनी बड़ी मात्रा में मेडिकल कचरा झील में कैसे पहुंचा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोगों में इस घटना को लेकर गहरा रोष व्याप्त है।


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