मुर्शिदाबाद हत्याकांड: पीड़ित परिवार भयभीत, राज्यपाल को लिखा खौफनाक पत्र
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-07 19:14:21

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं में अपने पतियों को खोने वाली महिला और उसकी बहू ने राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। पीड़ित महिलाओं ने राज्यपाल को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और पुलिस दोनों से लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिससे वे भयभीत हैं।
राज्यपाल को लिखा पत्र
पारुल दास और पिंकी दास ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लिखे पत्र में अपनी सुरक्षा और न्याय की मांग की है। उन्होंने राज्यपाल से कलकत्ता उच्च न्यायालय तक सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था करने का भी आग्रह किया है, ताकि वे वहां अपनी याचिका दायर कर सकें। पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए लिखा है, "हम, हरगोबिंदो दास और चंदन दास की दो विधवाएं, टूटे हुए दिल और कांपते हाथों से आपको पत्र लिख रही हैं, न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रही हैं। हम यह पत्र एक गुप्त स्थान से लिख रही हैं, क्योंकि हम न केवल सत्तारूढ़ पार्टी की धमकियों से डर रही हैं, बल्कि पुलिस से भी डर रही हैं, जो हमें लगातार धमका रही है।"
भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी ने ममता सरकार को घेरा
पश्चिम बंगाल सरकार में विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने इस पत्र ओर एक वीडियो को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा, "मुर्शिदाबाद के समशेरगंज के जाफराबाद में स्वर्गीय हरगोबिंद दास और स्वर्गीय चंदन दास की दुखद मौतें पश्चिम बंगाल में हमारे सनातनी समुदाय की नाजुक सुरक्षा की एक हृदय विदारक याद दिलाती हैं। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को सभी नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, खासकर उन लोगों की जो चुनिंदा लक्षित हिंसा से पीड़ित हैं। परिवार ने प्रशासन द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके के बारे में वैचारिक मतभेद और असंतोष के कारण पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे को अस्वीकार कर दिया, जो सरकार की मंशा में विश्वास की कमी को दर्शाता है। ममता बनर्जी सरकार को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए। इसके बजाय, वे क्या करते हैं! वे पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को और अधिक सताते हैं। कोलकाता/बिधाननगर पुलिस की कथित कार्रवाई, कथित तौर पर एक गेस्ट हाउस में घुसकर, जहां शोक संतप्त परिवार रह रहा था और उन्हें जबरन हटाने का प्रयास किया, बेहद परेशान करने वाली है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। इस तरह की कठोर रणनीति न्याय और करुणा का अपमान है, खासकर उस परिवार के लिए जो अपने प्रियजनों की मौत की सीबीआई जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के माध्यम से कानूनी सहारा मांग रहा है।"
उन्होंने आगे लिखा, "परिवार का विश्वास बल या दमन के माध्यम से नहीं बल्कि जवाबदेही और सहानुभूति के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल के लोग इससे बेहतर के हकदार हैं, वे एक ऐसी सरकार के हकदार हैं जो कानून के शासन को कायम रखे और शांति को बढ़ावा दे, न कि ऐसी सरकार जो विभाजन या अविश्वास को बढ़ाए।"
अपहरण के प्रयास का आरोप
महिलाओं ने बिधाननगर पूर्व पुलिस स्टेशन की टीम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस टीम ने सुबह सॉल्ट लेक बीजी ब्लॉक से उनका अपहरण करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें लगातार धमका रही है, जिससे वे बेहद डरी हुई हैं।
पुलिस का आरोपों से इनकार
हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा है कि वे हरगोबिंदो दास के छोटे बेटे समर्थ की शिकायत मिलने के बाद सॉल्ट लेक बीजी ब्लॉक गई थी। पुलिस ने अपनी पोस्ट में लिखा, "कल रात हरगोबिंदो परिवार के छोटे बेटे ने शमशेरगंज पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई कि मृतक की पत्नियों को पिछली शाम एक व्यक्ति कार में घर से ले गया। शिकायत में आगे कहा गया है कि परिवार को संदेह है कि दोनों महिलाओं का अपहरण कर लिया गया है, क्योंकि वे 24 घंटे से अधिक समय से घर नहीं लौटी हैं।"
पुलिस का स्पष्टीकरण
पुलिस ने आगे स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "ऐसे गंभीर आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई, और पता चला कि दोनों महिलाएं बिधाननगर के एक घर में रह रही थीं।" पुलिस ने बताया कि जब वे वहां गईं, तो उन्होंने दोनों महिलाओं से पूछा कि क्या वे सुरक्षित हैं, और फिर वे वहां से चली गईं। उन्होंने कहा, "शिकायत की जांच करना पुलिस का कर्तव्य है और यही किया गया है।"
मुर्शिदाबाद हिंसा की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पिछले महीने मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन की हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल पैदा कर दिया था।