दो क्रेन भी फेल! टैंक उतारने में छूटे पसीने, अब बनेगा भव्य स्मारक


दो क्रेन भी फेल! टैंक उतारने में छूटे पसीने, अब बनेगा भव्य स्मारक  2025-05-07 17:11:43



 

भारत-पाक के बीच 1971 में हुए ऐतिहासिक युद्ध में भारत की विजय के प्रतीक के तौर पर श्रीगंगानगर के सुखाड़िया सर्किल स्थित स्मारक पर स्थापित टैंक को आज नीचे उतारा गया। इस भारी भरकम टैंक को स्मारक से हटाने में लगभग चार घंटे का लंबा समय लगा। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले इसे एक क्रेन की मदद से उतारने का प्रयास किया गया, लेकिन जब उससे बात नहीं बनी तो एक और शक्तिशाली हाइड्रोलिक क्रेन मंगवानी पड़ी।

साढ़े आठ साल पहले हुआ था स्थापित

जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की गाथा बयां करने वाले इस टैंक को लगभग साढ़े आठ साल पहले सुखाड़िया सर्किल स्थित नए स्मारक पर स्थापित किया गया था। इससे पहले, वर्ष 2016 में सेना के एक विशेष दल द्वारा इस टैंक को जिला परिषद परिसर से सुखाड़िया सर्किल स्थित भारत माता चौक तक लाया गया था। उस समय इस टैंक को स्मारक स्थल पर पहुंचाने के लिए पांच विशाल क्रेन की मदद ली गई थी और इसके लिए एक अस्थायी रैम्प भी बनाया गया था। जिला परिषद में रखे जाने से पहले, यह अमेरिका निर्मित टैंक भारत की शानदार जीत और पाकिस्तान की करारी हार का जीवंत प्रतीक रहा है।

नग्गी की विजय का साक्षी

बताया जाता है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने नग्गी के पास लगभग एक वर्ग किलोमीटर के रेतीले क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया था। इस महत्वपूर्ण इलाके को पाकिस्तानी कब्जे से मुक्त कराने के लिए भारतीय सेना के पराक्रमी पैरा ट्रूपर्स को भेजा गया। इस भीषण युद्ध में भारतीय सेना के कई वीर अधिकारियों और जवानों ने अपनी शहादत देकर पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया और उस क्षेत्र को आजाद करा लिया। इस युद्ध में पाकिस्तान के कई टैंक भी भारतीय सेना द्वारा तबाह किए गए थे, जिनमें से एक इस टैंक को विजय के प्रतीक के रूप में उदयपुर लाया गया था और पहले जिला परिषद परिसर में रखा गया था। बाद में, 5 नवंबर 2016 को इसे सुखाड़िया सर्किल स्थित नए स्मारक पर स्थापित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के शौर्य को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना और हर भारतीय को गर्व की अनुभूति कराना था।

 

क्षतिग्रस्त स्मारक का होगा पुनर्निर्माण

उल्लेखनीय है कि जिस अस्थायी स्मारक पर इस टैंक को स्थापित किया गया था, वह समय के साथ क्षतिग्रस्त हो गया था और नीचे की ओर धंसने लगा था। इसी कारण से अब इस टैंक को सावधानीपूर्वक नीचे उतारा गया है। नगर विकास न्यास (UIT) के अधिशाषी अभियंता सुरेन्द्र पूनिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उस समय नगर परिषद द्वारा इस टैंक को एक अस्थायी स्मारक पर स्थापित किया गया था। अब इस स्थान पर एक मजबूत आरसीसी का स्मारक बनाया जाएगा और टैंक को भी दोबारा रंग-रोगन किया जाएगा। पूरे ढांचे को फिर से तैयार किया जाएगा और आकर्षक लाइटिंग लगाई जाएगी। इससे पहले, टैंक को हरे कपड़े से ढककर चारों ओर बेरिकेडिंग कर दी जाएगी। इस पूरे कार्य पर लगभग साढ़े आठ लाख रुपये का खर्च आएगा। अभियंता पूनिया ने बताया कि बुधवार से नए स्मारक का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और इस बार यह स्मारक आरसीसी का होगा और पहले से कुछ ऊंचा बनाया जाएगा। इसके बाद टैंक को फिर से इस नवनिर्मित स्मारक पर स्थापित कर दिया जाएगा। इस अवसर पर यूआईटी के कनिष्ठ अभियंता मोहनलाल, ठेकेदार अशोक और यातायात पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।


global news ADglobal news AD