कैसा दौगला चरित्र है कश्मीरियों का? अब जो करेगी, सेना करेगी ! और कर भी दिया —— मनोहर चावला
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-07 06:47:06

कैसा दौगला चरित्र है कश्मीरियों का?
अब जो करेगी, सेना करेगी ! और कर भी दिया
—— मनोहर चावला
क्या वक्त आया है आंतकवादियों ने हमारे निहत्थे, निर्दोष २८ पर्यटकों को मौत के घाट उत्तार दिया। हमारी सरकार यही कहती रही कि एक एक पर्यटक की मौत का बदला लेंगे। उनके परिजनों के आँसू व्यर्थ नहीं जाएँगे। पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जायेगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी। लगभग १३ दिनों से जायदा का समय हो गया है अभी आंतकवादियों की सर्च चल रही है। और अभी ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे लगे कि सरकार हरकत में है। हो सकता है हम कुछ दिनों में भूल जायगे कि कश्मीर में कोई घटना घटी थी। वैसे भी कोई मरे, जिए हमे अब कोई फर्क नहीं पड़ता है । हमारी मानवीय सवेदनाए खत्म हो चुकी है। अभी हमारे पड़ोस में एक वृद्धा की मौत हो गई। लाश श्मशान जाने के लिए रखी रही। लेकिन अड़ोस- पड़ोस किसी को कोई सरोकार नहीं। सब लोग अपने दफ्तर जाने, काम पर जाने को तैयार होते रहे। एक वक्त था गमी वाले घर में कई घरों से खाना आता था। पूरा मोहल्ला शोक में रहता था। लेकिन अब कोई किसी को नहीं पूछता। चार कंधे मिलने मुश्किल हो जाते है मोर्चरी की गाड़ी में लाश को श्मशान ले जाना पड़ता है। क्योंकि हम में मानवीय सवेदनाए ही नहीं रही। आपने देखा होगा किसी कार वाले ने स्कूटर वाले को उड़ा दिया। लेकिन वीडियो फ़िल्म बनती रही और किसी ने उसकी मदद नहीं की और वह घायल इंसान मर जाता है। इन्सान की फ़िदरत ही बदल गई है । २६ पर्यटक कश्मीर में मारे गए और हम है कि परशुराम जयन्ती और आखातीज मना रहे है। छत पर पतंगे उड़ा रहे है लाउड स्पीकर की आवाज़ में वो काटा , वो काटा की आवाजे निकाल रहे है। घरों में खिचड़ा बन रहा है। समारोह आयोजित कर शहरवासियों कों सम्मानित किया जा रहा है। संगोष्ठिया हो रही है। हमे कोई चिता नहीं। हमारे बॉर्डर पर तपती लू और धूप में सीमाओ की रक्षा में सैनिक लगे है। युद्ध की स्थिति बनती नज़र आ रही है। लेकिन एक आश्चर्य जरूर नज़र आया। पहलगांव की घाटी में ५००० से जायदा पर्यटक थे कोई मर्द का बच्चा नहीं था जो आंतकवादियों का सामना कर सके? और तो और पर्यटकों के खाने पीने के लिए खोमचे वाले, गाड़े वाले, दुकानदार , छोटे मोटे होटलवाले सब वहाँ थे लेकिन किसी ने भी आंतकवादियों का वीडियो नहीं बनाया। यों तो हंगने , मूतने की लोग फटाफट वीडियो बना लेते है। और इतनी बड़ी घटना किसी को नज़र नहीं आई। इससे जाहिर होता है कि घटना में कश्मीरी लोग मिले हुए है। कश्मीरियों ने दिखावे के लिए आतकवाद के खिलाफ केंडल जलूस निकाल कर दिखावा जरूर किया लेकिन इन्ही कश्मीरी लोगो ने हिंदू पंडितों को पूरी तरह उजाड़ के रख दिया। उन्हें कश्मीर से बाहर कर दिया। शायद अब कश्मीर में ये लोग किसी हिंदू के देखना नहीं चाहते? क्योंकि आंतकवादियों ने हिन्दू पर्यटकों को ही मारा। कैसा दौगला चरित्र है कश्मीरियों का? हालांकि यह नया भारत है—न बर्दाश्त करेगा, न छोड़ेगा । अब चुन चुन के आंतकवादियों को कुते की मौत मारेगा। प्रधानमंत्री ने सेना को खुली छूट दे दी है अब समय, स्थान और करवाई का तरीका हमारी सेना ख़ुद तय करेगी। अब न सीमा की परवाह, न समय की रुकावट, जो करना है सेना करेगी।और बहुत जल्द परिणाम जनता के सामने होगा!