बड़ी पहल! मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर अस्पतालों में रोगी सुरक्षा होगी और मजबूत
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-06 17:07:57

राजस्थान के राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सुरक्षा और अस्पताल भवनों के सुचारू रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की विशेष पहल और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों के अनुपालन में, चिकित्सा शिक्षा विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने संयुक्त रूप से एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस नई एसओपी का उद्देश्य राज्य के चिकित्सा संस्थानों में रोगी सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाना है।
रोगी सुरक्षा और सेवाओं को सुदृढ़ करने का लक्ष्य
जारी की गई नई एसओपी का मुख्य उद्देश्य राजकीय मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में रोगी सुरक्षा और प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है। विशेष रूप से आपातकालीन, कैजुअल्टी, सर्जिकल प्रक्रियाओं और गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं को इस एसओपी के माध्यम से और अधिक सुगम बनाया जा सकेगा।
पीडब्ल्यूडी चौकियों की स्थापना
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने इस नई एसओपी की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत प्रत्येक मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल परिसर में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा एक समर्पित चौकी स्थापित की जाएगी। इन चौकियों के लिए आवश्यक स्थान अस्पताल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इन चौकियों पर मरीजों की सुविधा के लिए 24 घंटे प्लम्बर और इलेक्ट्रीशियन मौजूद रहेंगे, जबकि दिन के समय में कारपेंटर और वेल्डर की सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। साझा परिसर वाले अस्पतालों के लिए एक सामान्य चौकी की व्यवस्था की जाएगी।
24 घंटे हेल्पलाइन और शिकायत निवारण
एसओपी में सभी अस्पतालों में रखरखाव संबंधी समस्याओं और रोगी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए एक 24 घंटे संचालित होने वाली हेल्पलाइन की स्थापना का भी प्रावधान है। मरीज और अस्पताल कर्मचारी इस हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे, जिन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
रखरखाव के लिए वार्षिक निधि का प्रावधान
नई एसओपी के अनुसार, अस्पताल भवन की निर्माण लागत का 2 प्रतिशत वार्षिक रखरखाव निधि के रूप में सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह निधि राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसाइटी (आरएमआरएस) के माध्यम से जारी की जाएगी। भवन के मूल्य की गणना वर्ष 2025-26 के लिए 28 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से की जाएगी। सामान्य तौर पर, इस निधि का 70 प्रतिशत सिविल रखरखाव और 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिकल रखरखाव पर खर्च किया जाएगा, लेकिन अस्पताल अधीक्षक स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार आरएमआरएस अध्यक्ष की अनुमति से इस अनुपात में बदलाव कर सकेंगे।
उपकरणों का वार्षिक रखरखाव अनुबंध
चिलर, एयर कंडीशनर, डीजल जनरेटर, ऑक्सीजन पाइपलाइन, लिफ्ट, फायर अलार्म, सीसीटीवी जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के वार्षिक रखरखाव और व्यापक वार्षिक रखरखाव अनुबंध सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किए जाएंगे। इन अनुबंधों के लिए आवश्यक निधि अस्पताल अधीक्षक द्वारा बजटीय आवंटन या आरएमआरएस से प्रदान की जाएगी।
शिकायत दर्ज करने और निवारण की प्रक्रिया
एसओपी के तहत, रखरखाव संबंधी शिकायतें हेल्पलाइन, अस्पताल की वेबसाइट या एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज की जा सकेंगी। इन शिकायतों का निवारण पीडब्ल्यूडी की देखरेख में अधिकृत ठेकेदारों द्वारा किया जाएगा। निवारण कार्य का सत्यापन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ठेकेदार को भुगतान जारी करेगा।
भवन फिटनेस प्रमाण पत्र और प्राथमिकता वाले कार्य
पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रत्येक वर्ष अस्पतालों का सर्वेक्षण करके भवन की फिटनेस का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यदि रखरखाव की आवश्यकता होती है, तो पीडब्ल्यूडी विस्तृत अनुमान तैयार करेगा और अस्पताल अधीक्षक से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू करेगा। रिसाव मुक्त प्लंबिंग, जलरोधी छतें, प्लास्टर की मरम्मत, सुरक्षित इलेक्ट्रिकल सिस्टम, टूटी टाइल्स, दरवाजों और खिड़कियों की मरम्मत, पंखे और रोशनी का रखरखाव, और संरचनात्मक क्षति को रोकने के लिए पेड़ों की जड़ों को हटाना जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मौजूदा अनुबंधों का हस्तांतरण और भविष्य की नीति
एसओपी के लागू होने के बाद, अस्पतालों के मौजूदा रखरखाव अनुबंध सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। भविष्य में सभी नए रखरखाव अनुबंध भी पीडब्ल्यूडी द्वारा ही किए जाएंगे। निधि की कमी को रखरखाव में किसी भी प्रकार की चूक का कारण नहीं माना जाएगा, और अस्पताल समय पर आवश्यक निधि प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे। रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर अस्पताल अधीक्षक, वरिष्ठ लेखा अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के संबंधित अभियंताओं के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आपातकालीन कार्य, दैनिक मरम्मत और निवारक रखरखाव के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम 8 मई से 30 मई 2025 तक निर्धारित किया गया है, जिसमें टीम का गठन, सर्वेक्षण, निविदा प्रक्रिया और कार्य शुरू करना शामिल है।