NEET परीक्षार्थियों के लिए अलर्ट! OMR शीट खाली छोड़ने का झांसा, STF ने किया गैंग का पर्दाफाश
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-06 12:10:34

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नीट यूजी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट) की प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक संगठित गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विक्रम कुमार साह, धर्मपाल सिंह और अनिकेत कुमार के रूप में हुई है। तीनों ही आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। एसटीएफ ने इनके नोएडा सेक्टर-3 स्थित कार्यालय से 6 कॉलिंग मोबाइल फोन, 4 निजी मोबाइल फोन, अभ्यर्थियों का महत्वपूर्ण डेटा और एक फॉच्यूर्नर कार जब्त की है।
मुखबिर की सूचना पर STF की कार्रवाई
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 3 अप्रैल को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि 4 मई को आयोजित होने वाली नीट यूजी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के अभिभावकों को कुछ अज्ञात लोग फोन कर परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन दे रहे हैं और इसके एवज में मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। सूचना के आधार पर यह भी ज्ञात हुआ कि इस ठगी करने वाले गिरोह का कार्यालय थाना फेज-1 क्षेत्र के सेक्टर-3 नोएडा में स्थित है। इस महत्वपूर्ण सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसटीएफ नोएडा की एक विशेष टीम ने दबिश देकर तीनों आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
ग्रेजुएट ठगों का संगठित नेटवर्क
पूछताछ में गिरफ्तार किए गए विक्रम कुमार साह ने बताया कि वर्ष 2011 में वह दरभंगा, बिहार से चेन्नई स्थित विनायका मिशन विश्वविद्यालय गया था, जहां उसने बायो टेक्नोलॉजी में स्नातक की डिग्री के लिए दाखिला लिया था। इसी विश्वविद्यालय में उसकी मुलाकात अनिकेत नामक आरोपी से हुई। इन दोनों ने मिलकर विनायका मिशन में छात्रों को दाखिला दिलाने का काम शुरू किया और प्रति दाखिला 30 प्रतिशत कमीशन लेते थे। बाद में, पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद दोनों दिल्ली आ गए।
दिल्ली में ठगी का कारोबार शुरू
आरोपी विक्रम कुमार साह ने आगे बताया कि दिल्ली में उनकी मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई। इन तीनों ने मिलकर सबसे पहले "एडमिशन व्यू" नामक एक कंपनी खोली। इसके बाद, वे एमबीबीएस के इच्छुक उम्मीदवारों का डेटा इकट्ठा करते थे और उन्हें फोन करके दाखिला कराने के नाम पर पैसे ठगने का काम करने लगे। ठगी करने के लिए, वे प्रति अभ्यर्थी को पास कराने की गारंटी के नाम पर पांच लाख रुपये तक की मांग करते थे। यह रकम वे सीधे बैंक खातों में या पोस्ट-डेटेड चेक के माध्यम से लेते थे।
OMR शीट खाली छोड़ने का झांसा
ठगी का तरीका बताते हुए आरोपियों ने कहा कि वे अभ्यर्थियों से परीक्षा देते समय केवल उन्हीं प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट में भरने के लिए कहते थे जिनके बारे में वे निश्चित हों, और बाकी शीट को खाली छोड़ने के लिए कहते थे। वे अभ्यर्थियों को यह विश्वास दिलाते थे कि वे बाद में इस ओएमआर शीट को निकलवाकर उसमें सही उत्तर भर देंगे। यदि अभ्यर्थी का प्रवेश हो जाता, तो पैसा उनका हो जाता था। और यदि प्रवेश नहीं होता, तो वे बहाने बनाते रहते थे या अधिक दबाव पड़ने पर अपना ठिकाना बदलकर भाग जाते थे। इस पुरानी कंपनी के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज होने के बाद, उन्होंने वर्ष 2023 में "SHREYANVI EDU OPC PVT LTD" नामक एक नई कंपनी बनाई और नोएडा सेक्टर-3 के पते पर उसका पंजीकरण कराया।
NEET परीक्षा को बनाया निशाना
आरोपी ने आगे बताया कि जैसे ही नीट यूजी की परीक्षा नजदीक आई, उन्होंने एक बार फिर अभ्यर्थियों का डेटा इकट्ठा किया और फिर उनके अभिभावकों को फोन करके परीक्षा में पास कराने के लिए मोटी रकम की मांग करना शुरू कर दिया। लेकिन इस बार उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और वे एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।