दुश्मन की टेंशन बढ़ी! रात के अंधेरे में एक्सप्रेसवे पर उतरा वायुसेना का पराक्रम, भारत ने रचा इतिहास


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-05 15:21:21



 

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गंगा एक्सप्रेसवे पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। आसमान में गरजते हुए राफेल, सुखोई-30, जगुआर, मिग-29 और सुपर हरक्यूलिस जैसे शक्तिशाली विमानों ने जलालाबाद के पीरू गांव के पास बनी विशेष हवाई पट्टी पर उतरकर एक नया इतिहास रच दिया। इस सफल प्रदर्शन के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जो एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की रात्रि लैंडिंग कराने की क्षमता रखते हैं।

विलंब के बाद भी उत्साह बरकरार

पूर्वाह्न 11:30 बजे निर्धारित एयर शो खराब मौसम के कारण लगभग एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। हालांकि, लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट और शानदार प्रदर्शन ने वहां मौजूद दर्शकों के उत्साह को कम नहीं होने दिया। बरेली के त्रिशूल एयरबेस से उड़ान भरने के बाद, वायुसेना के विभिन्न विमान और हेलिकॉप्टर गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर 'टच एंड गो' अभ्यास करते रहे। इस दौरान, एमआई-17 वी-5 हेलिकॉप्टर से जवानों ने रस्सी के सहारे नीचे उतरने का भी अभ्यास किया, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने की उनकी तैयारी को दर्शाता है।

दिन में शौर्य प्रदर्शन, रात में ऐतिहासिक लैंडिंग

दोपहर 12:40 बजे शुरू हुआ एयर शो लगभग 2:30 बजे तक चला। इसकी शुरुआत सैन्य परिवहन विमान एएन-32 की लैंडिंग से हुई, जिसके बाद सी-130 जे हरक्यूलिस विमान ने उड़ान भरी। फिर जगुआर, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और राफेल के दो-दो विमानों ने गरजते हुए आसमान में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जिसे हजारों स्थानीय लोगों ने दूर से ही देखा। इसके बाद, रात नौ बजे से लड़ाकू विमानों की बहुप्रतीक्षित नाइट लैंडिंग शुरू हुई और रात दस बजे तक विभिन्न लड़ाकू विमानों ने एक्सप्रेसवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेकऑफ किया। इस दौरान सुरक्षा कारणों से शाम सात बजे से रात दस बजे तक कटरा-जलालाबाद हाईवे को पूरी तरह से वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था।

आपातकाल के लिए महत्वपूर्ण तैयारी

देश में यह पहली बार है जब किसी एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर रात में लड़ाकू विमान उतरे हैं। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों में, यदि दुश्मन देश द्वारा एयरबेस की हवाई पट्टी को नष्ट कर दिया जाता है, तो एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी को एक वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करना है। इसके अलावा, इसका उपयोग किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सैन्य कार्रवाई के लिए भी किया जा सकेगा, जिससे हाईवे न केवल यातायात के लिए बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन बन जाएगा।

रोमांचक करतब और विमानों की क्षमता

इस दौरान, दो सुखोई-30 विमानों ने छह बार हवाई पट्टी को छुआ और काफी कम ऊंचाई पर हैरतअंगेज कलाबाजियां दिखाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। दो राफेल विमानों ने भी सफलतापूर्वक टच डाउन किया। परिवहन विमान सुपर हरक्यूलिस ने भी दो बार एक्सप्रेसवे को छुआ। मिग-29 और जगुआर विमानों ने भी दो-दो बार टच डाउन का प्रदर्शन किया। सुखोई-30 एमकेआई चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो 2120 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम गति से उड़ान भर सकता है और ब्रह्मोस जैसी घातक मिसाइलों से लैस हो सकता है। इसकी अधिकतम उड़ान ऊंचाई 56,800 फीट है।

शनिवार का एयर शो रद्द

जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर प्रस्तावित एयर शो शनिवार को आयोजित नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को सफल नाइट लैंडिंग के बाद वायुसेना ने दूसरे दिन एयर शो नहीं करने का निर्णय लिया है। पहले यह कार्यक्रम शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन प्रस्तावित था।

मंत्रियों ने भी बढ़ाया उत्साह

वायुसेना के इस शानदार प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद भी उत्साहित नजर आए और उन्होंने बैकग्राउंड में उड़ते लड़ाकू विमानों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।

गंगा एक्सप्रेसवे: सुरक्षा का नया गलियारा

मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस एक्सप्रेसवे पर गांव पीरू के पास बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी को विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए डिजाइन किया गया है। यह हवाई पट्टी आपातकालीन परिस्थितियों में युद्ध और आपदा प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शुक्रवार को हुए एयर शो को देखने के लिए आसपास के लगभग एक दर्जन गांवों के लोग बड़ी संख्या में उमड़े थे और उन्होंने दूर से ही लड़ाकू विमानों का यह अद्भुत प्रदर्शन देखा। रात में नाइट लैंडिंग देखने के लिए भी लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस टीमों को तैनात किया था।


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